पाकिस्‍तान आईएमएफ के शर्तों को पूरा करने के लिए अंतिम प्रयास में जुटा हुआ है. पाकिस्‍तान टैक्‍स के माध्‍यम से 215 अरब रुपये जुटाएगा. इसका मतलब है कि यहां के लोगों पर टैक्‍स का भार पड़ सकता है. जरूरत वाली चीजों पर टैक्‍स लगाया जा सकता है, जिससे इन चीजों के दाम ज्‍यादा महंगे हो सकते हैं.  


पाकिस्‍तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि आईएमएफ के साथ बातचीत हुई है और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए केवल 215 अरब रुपये या करीब 750,400,000 अमेरिकी डॉलर के अंतिम टैक्‍स पर सहमति हुई है. हालांकि पाक वित्त मंत्री का कहना है कि गरीबों और मध्‍यम वर्ग पर बोझ नहीं होगा. मंत्री ने कहा कि पाकिस्‍ताान आईएमएफ से लोन पाने के लिए आवश्‍यक सभी औपचारिकताओं को पूरा करने की कोशिश कर रहा है. 


आईएमएफ के विचारों पर सहमत पाकिस्‍तान 


कुछ दिन पहले ही आईएमएफ के एमडी क्रिस्‍टालिना जॉर्जीवा ने पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज शरीफ से बातचीत की. इसमें पकिस्‍ताान के आर्थिक स्थिति से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई. आईएमएफ एमडी और प्रधानमंत्री शरीफ के बीच बैठक में लोन को लेकर भी चर्चा हुई. पाकिस्तानी सरकार कुछ बजटीय आंकड़ों पर आईएमएफ के विचारों पर सहमति भी जारी की. 


वेतन और पेंशन में होगी कमी 


आईएमएफ के साथ बातचीत के बाद पाकिस्तानी मंत्री ने कहा है कि देश सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले खर्च, वेतन वृद्धि और पेंशन में कमी लाएगा.  कर्ज का निपटारा होने के बाद आईएमएफ के साथ बातचीत की जानकारी सार्वजनिक किया जाएगा. 


लेंडर्स को खूश करने के प्रयास में पाकिस्‍तान 


गौरतलब है कि ग्‍लोबल लेंडर्स ने कुछ शर्तों को पूरा करने पर पाकिस्‍तान को 6 अरब अमेरिकी डॉलर देने के लिए एक डील पर हस्‍ताक्षर किया है. हालांकि शर्तों को पूरा नहीं किए जाने के कारण पाकिस्‍तान को कर्ज नहीं मिल पाया है, लेकिन पाकिस्‍तान अभी पूरे प्रयास में जुटा हुआ है. ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान आईएमएफ के समर्थन के बिना अन्‍य जगहों से भी लोन नहीं पा सकेगा. 


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