PAN-Aadhar Linking: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने एक सर्कुलर जारी कर 31 मई 2024 से पहले पैन और आधार को लिंक किए जाने से पहले डिडक्टी और कलेक्टी की मृत्यु हो जाने की स्थिति में टीडीएस और टीसीएस के प्रॉविजंस को लेकर बड़ी राहत दी है. 


वित्त मंत्रालय ने बताया कि टैक्सपेयर्स हो रही परेशानी को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने 5 अगस्त 2024 को सर्कुलर जारी किया है जिसमें सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 में  डिडक्टी और कलेक्टी के पैन और आधार को लिंक किए जाने से पहले मृत्यु हो जाने पर टीडीएस और टीसीएस के प्रॉविजंस में राहत दी है. ऐसे मामले जहां देखने को मिले हैं इन मामलों में टैक्सपेयर्स की शिकायतों के निवारण के लिए 31 मई 2024 से पहले मौत हो जाने से पहले और पैन आधार को लिंक करने के ऑप्शन को पूरा करने से पहले  डिडक्टी और कलेक्टी की मृत्यु हो गई है तो सर्कुलर के मुताबिक डिडक्टर और कलेक्टर पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206AA/206CC के तहत टैक्स डिडक्ट करने की कोई लायबिलिटी नहीं होगी जिसमें 31 मार्च 2024 तक कोई ट्रांजैक्शन किया गया हो. 


वित्त मंत्रालय ने बताया, 23 अप्रैल 2024 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने 31 मार्च 2024 तक किए गए ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स एक्ट के तहत ज्यादा टीडीएस टीसीएस से राहत देने के लिए सर्कुलर जारी कर पैन और आधार को लिंक करने के लिए 31 मई 2024 तक जो समय सीमा बढ़ाई थी उसी सर्कुलर के आगे की कड़ी है. 


सीबीडीटी को टैक्सपेयर्स की ओर से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि पैन-आधार को लिंक की आखिरी तारीख 31 मई 2024 से पहले ही डिडक्टी-कलेक्टी की मृत्यु हो गई है जिसके चलते वे पैन-आधार को लिंक नहीं कर सके हैं. ऐसे में टैक्स डिमांड का रीक्वेस्ट पेंडिंग पड़ा है. नियमों के मुताबिक अगर टैक्सपेयर्स पैन आधार को लिंक करने में विफल रहता है 20 फीसदी टीडीएस काटा जाता है जो 5 फीसदी टीसीएस काटने का नियम है.  ज्यादा टीडीएस टीसीएस से बचने के लिए सरकार ने पैन-आधार को लिंक करने की तारीख को बढ़ाकर 31 मई 2024 कर दिया था. 


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