नई दिल्ली: सरकार ने आज साफ किया कि धार्मिक संस्थाओं को अपने स्थायी खाता संख्या पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) से आधार नंबर को जोड़ने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि इस तरह की संस्थाएं आधार कार्ड हासिल करने की पात्र नहीं होती हैं.


लोकसभा में एक सदस्य के प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि धार्मिक निकायों और दूसरे धार्मिक समुदायों को अपने पैन से आधार को जोड़ने की जरूरत नहीं है.


उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक निकाय और धार्मिक समुदाय आधार हासिल करने के पात्र नहीं हैं, इसलिए आयकर अधिनियम की धारा 139एए इन मामलों में लागू नहीं होती है. ऐसे में उन्हें अपने पैन के साथ आधार को लिंक करने की कोई जरूरत नहीं है.’’


जैसा कि आपको पता ही है कि आयकर विभाग ने आधार और पैन कार्ड को लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है और इसके बिना आपका आयकर रिटर्न चेक नहीं होगा. पूरे देश में आधार और पैन कार्ड को लिंक कराने से जुड़ी खबरें कई दिनों से चल रही हैं.


आधार-पैन लिंक
बहरहाल, वित्त मंत्रालय ने पैन को आधार से जोड़ने के बारे में भी स्पष्टीकरण दे दिया था. आपको अपने आधार को 31 अगस्त तक पैन से जोड़ना ही होगा, क्योंकि आपके रिटर्न की पड़ताल तभी होगी जब आपके पैन से आधार जुड़ा हुआ हो. हालांकि वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अभी रिटर्न दाखिल करते वक्त आधार का या फिर भी आधार के लिए आवेदन की पावती संख्या (Acknowledgement No) का जिक्र करना काफी होगा और रिटर्न भरने का काम पूरा हो जाएगा.


अभी इनकम टैक्स रिटर्न के वेबसाइट पर 6.14 करोड़ से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है. लेकिन इनमे से 2.70 करोड़ से कुछ ज्यादा लोगों ने ही पैन को आधार से जोड़ा है, वहीं 1.31 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे भी हैं जो इनकम टैक्स रिटर्न भरने की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड नहीं है, फिर भी उन्होंने अपने पैन को आधार से जोड़ा है.