Panic Rice Buying: क्यों अमेरिका में चावल खरीदने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं लोग? क्या है भारत से इसका कनेक्शन!
Rice Export Ban: पिछले हफ्ते चावल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर भारत सरकार ने गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. आईएमएफ ने सरकार से इसे हटाने की अपील की है.
Panic Rice Buying: अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में चावल खरीदने के लिए लोग लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं. इन देशों में रह रहे एनआरआई, अफ्रीकी नागरिक बड़ी संख्या में चावल के पैकेट खरीदकर घर में होर्डिंग कर रहे हैं. उन्हें आशंका है कि आने वाले समय में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है. सोशल मीडिया में रिटेल स्टोर्स में लोगों की लंबी कतारों वाले वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही है. तो इन देशों के रिटेल स्टोर्स ने मौके का फायदा उठाते हुए चावल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी भी कर दी है. एशियाई और अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए चावल उनके भोजन में प्रमुख स्थान रखता है.
भारत के एक्सपोर्ट बैन से बढ़ा संकट!
दरअसल 20 जुलाई, 2023 को भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्ट करने वाला मुल्क है. 40 फीसदी ग्लोबल एक्सपोर्ट पर भारत का कब्जा है. लेकिन घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों और 2024 के लोकसभा चुनाव में महंगाई के मुद्दे से कोई समझौता नहीं करने के तहत मोदी सरकार ने चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया. इसके बाद ही अमेरिका, ऑस्ट्रलिया, कनाडा जैसे देशों में एनआरआई और अफ्रीकी मूल के नागरिक चावल खरीदकर जमा कर रहे हैं. भारत के गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन के फैसले के चलते ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमतों में तेज उछाल आने की संभावना जताई जा रही है. चावल की कीमतों में बढ़ोतरी अब दिखने भी लगा है.
चावल के उत्पादन में कमी की है आशंका
फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद सप्लाई दिक्कतों के चलते ग्लोबल फूड क्राइसिस देखने को मिला था जब गेहूं की कीमतें आसमान छू रही थी तो खाद्य तेलों की कीमतें भी बढ़ गई थी. उस समय भी भारत ने घरेलू बाजार में कीमतों पर नियत्रंण रखने के लिए गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था. अब चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया गया है. इस वर्ष दुनियाभर में अल नीनो के असर चलते चावल के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में कीमतें और बढ़ सकती है.
आईएमएफ ने भारत से बैन हटाने का किया अनुरोध
ग्लोबल फूड क्राइसिस को देखते हुए इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचास ने भी भारत से एक्सपोर्ट पर लगे बैन को हटाने का अनुरोध किया है क्योंकि इससे पूरी दुनिया में संकट खड़ा हो सकता है. उन्होंने हा कि इस प्रकार के प्रतिबंध से दुनियाभर में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिलता है.
चावल एक्सपोर्ट में आएगी कमी
सरकार के गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट के फैसले का असर कुल 25 फीसदी एक्सपोर्ट पर अर पड़ सकता है. हालांकि उबले हुए गैर-बासमती चावल और बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं लगाया गया है.
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