वाघ बकरी टी ग्रुप के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई की बीते दिनों एक दुर्घटना में मौत हो गई. पराग देसाई चाय के बिजनेस के एक्सपर्ट माने जाते थे. 49 वर्ष के पराग लंबे समय से वाघ बकरी टी ग्रुप से जुड़े हुए थे. उनकी मौत 22 अक्टूबर को हुई.


बनाया देश का तीसरा बड़ा ब्रांड


पराग चौथी पीढ़ी के कारोबारी थे. उनकी गिनती फैमिली बिजनेस के प्रमुख उत्तराधिकारियों में होती थी. उनके पिता राशेश देसाई थे, जो वाघ बकरी टी ग्रुप के प्रबंध निदेशक रहे थे. उन्होंने वाघ बकरी को भारत का तीसरा सबसे बड़ा पैकेज्ड टी ब्रांड बना दिया था. कंपनी की शुरुआत 1892 में हुई थी. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, अभी वाघ बकरी ग्रुप का टर्नओवर करीब 2000 करोड़ रुपये है.


न्यूयॉर्क से की एमबीए की पढ़ाई


कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया गया है कि पराग देसाई एक्सपर्ट टी टेस्टर व इवैल्यूएटर थे. उन्होंने अमेरिका की लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की थी. वह वाघ बकरी टी ग्रुप के सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट की अगुवाई कर चुके थे. पराग की अगुवाई में वाघ बकरी की उपस्थिति देश के लगभग सभी राज्यों तक पहुंच गई.


भारत के इन बाजारों में उपस्थिति


वाघ बकरी समूह का दावा है कि अभी उसकी उपस्थिति गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में हो चुकी है. कंपनी ने हाल ही में बिहार, झारखंड और ओडिशा के बाजारों में भी एंट्री की है.


20 गुना बढ़ाया कंपनी का राजस्व


फोर्ब्स की एक रिपोर्ट बताती है कि न्यूयॉर्क से एमबीए करने के बाद पराग 1995 में वाघ बकरी समूह से जुड़े थे. उस समय कंपनी का राजस्व महज 100 करोड़ रुपये था. उनकी अगुवाई में ब्रांड ने शानदार तरक्की की और 100 करोड़ रुपये से 2000 करोड़ रुपये के राजस्व का सफर तय किया. उन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म buytea.com शुरू करने का श्रेय दिया जाता है.


टाटा और एचयूएल के बाद नंबर


पराग ने ही भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में वाघ बकरी के 70 से ज्यादा टी लाउंज की शुरुआत की. अभी पैकेज्ड टी बाजार में वाघ बकरी से आगे सिर्फ टाटा ग्रुप और हिंदुस्तान यूनिलीवर है. पराग सीआईआई के भी मेंबर रहे थे. उन्हें घूमने-फिरने का बड़ा शौक था. वह पर्यावरण के संरक्षण से जुड़े अभियानों में काफी दिलचस्पी लेते थे. एक आकलन के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 10 से 12 करोड़ रुपये थी.


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