भारत को आजाद हुए 75 साल से ज्यादा बीत चुके हैं. इन 75 सालों में भारत ने एक अर्थव्यवस्था के रूप में काफी तरक्की की है. अभी भारत 3.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. कुछ ही समय पहले भारत ने जीडीपी के मामले में फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों को पीछे छोड़ा है. अनुमान इस बात के भी हैं कि जर्मनी और जापान से भारत का आगे निकल जाना चंद सालों की बात रह गई है. मतलब जल्दी ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और तब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका व चीन रह जाएंगे. तरक्की की इस शानदार कहानी के साथ में एक बात रह-रह कर उठती रहती है कि भारत की गिनती कब विकसित देशों में होगी?
क्या है मोदी सरकार का इंडिया@2047 विजन?
हाल-फिलहाल में भारत को विकसित बनाने की चर्चा जोर पकड़ चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि भारत को विकसित देश बनाना है. इसके लिए मोदी सरकार ने विजन@2047 तैयार किया है. इसे इंडिया@2047 और इंडिया@100 भी कहा जा रहा है. इस विजन में लक्ष्य तय किया गया है कि 2047 में, जब भारत को आजाद हुए 100 साल हो जाएंगे, तब तक देश को विकसित देशों की कतार में लाना है. प्रधानमंत्री के इस विजन पर संसद के विशेष सत्र में भी चर्चा हुई है. संसद के इस खास सत्र में भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया गया है. तो आइए इस मौके पर जान लेते हैं कि आखिर एक विकसित देश होता क्या है? किन पैमानों के हिसाब से एक देश का विकसित होना या न होना तय किया जाता है? विकसित देश की परिभाषा क्या है? साथ ही यह भी जानते हैं कि एक विकसित देश बनने से आज का भारत कितनी दूर खड़ा है?
क्या होती है विकसित देश की परिभाषा?
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि विकसित देश की परिभाषा क्या है. एक विकसित देश का मतलब है- एक ऐसा देश, जिसके पास परिपक्व अर्थव्यवस्था हो, उन्नत तकनीकी बुनियादी संरचना हो, उद्योग के साथ-साथ सेवा क्षेत्र हो, और जिसके नागरिकों को गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं और उच्च शिक्षा सुलभ हों. ये सारे पैमाने ऐसे हैं, जो तुलनात्मक हैं. मतलब कोई स्पष्ट लाइन नहीं है, जिसके उस पार वाले देशों को विकसित देश कह दिया जाए और इस पार वाले को अविकसित. इसे आम तौर पर सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी, प्रति व्यक्ति जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय आदि जैसे पैमानों पर तुलना करके तय किया जाता है. इसके अलावा लोगों के जीवन-यापन के स्तर के हिसाब से भी देशों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है.
कैसे होता है विकास का वर्गीकरण?
संयुक्त राष्ट्र देशों को 2 श्रेणियों में रखता है- विकसित देश और विकासशील देश. इसका पैमाना बुनियादी आर्थिक स्थितियां हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास 3 कैटेगरी हैं- विकसित अर्थव्यवस्था, उभरती अर्थव्यवस्था और विकासशील या कम-आय वाली अर्थव्यवस्था. विश्वबैंक के पास 4 श्रेणियां हैं- उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाएं, उच्च-मध्य आय वाली अर्थव्यवस्थाएं, निम्न-मध्य आय वाली अर्थव्यवस्थाएं और निम्न आय वाली अर्थव्यवस्थाएं. आईएमएफ श्रेणियों में बांटने के लिए कई पैमानों का इस्तेमाल करता है, जबकि विश्वबैंक प्रति व्यक्ति आय के आधार पर वर्गीकरण करता है.
विकसित-विकासशील देशों के उदाहरण?
संयुक्त राष्ट्र की ताजी रिपोर्ट को देखें तो 2023 की स्थिति कुछ ऐसी दिखाई देती है. विकसित देशों की श्रेणी में 36 देश हैं, जबकि 126 देशों को विकासशील माना गया है. विकसित देशों में अमेरिका और यूरोप के देश हैं. एशिया से विकसित देशों में जापान का नाम है. विकासशील देशों में एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देश शामिल हैं. विकसित देशों के कुछ उदाहरण हैं- अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, जापान, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, आयरलैंड, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड आदि. विकासशील देशों के उदाहरण हैं- भारत, चीन, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, ब्राजील, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, तुर्की, थाईलैंड आदि.
ऊपर बताए गए उदाहरण से कुछ बातें साफ पता चलती हैं. जैसे चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वह ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान जैसे विकसित देशों की तुलना में 4-5 गुना बड़ी अर्थव्यवस्था है, फिर भी वह विकासशील देशों की श्रेणी में है. अब इस टेबल को देखिए...
देश | जीडीपी साइज | श्रेणी |
अमेरिका | 25.035 | विकसित |
चीन | 18.321 | विकासशील |
जापान | 4.301 | विकसित |
जर्मनी | 4.031 | विकसित |
भारत | 3.469 | विकासशील |
ब्रिटेन | 3.199 | विकसित |
फ्रांस | 2.778 | विकसित |
कनाडा | 2.2 | विकसित |
(स्रोत: संयुक्त राष्ट्र,2023 जीडीपी साइज ट्रिलियन डॉलर में)
अन्य देशों की तुलना में कहां खड़ा है भारत?
अब भारत की बात करें तो हम भले ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हों, विकसित देश बनने के लक्ष्य से कोसों दूर हैं. तस्वीर को बेहतर समझने के लिए यहां हम दो पैमाने और उनके हिसाब से भारत की मौजूदा स्थिति को देख लेते हैं. प्रति व्यक्ति जीडीपी के हिसाब से भारत टॉप-100 में भी कहीं नहीं है. नॉमिनल बेसिस पर भारत की रैंकिंग 139वीं और पीपीपी बेसिस पर 127वीं है. इसी तरह एक और पैमाने मानव विकास सूचकांक को देखें तो भारत अभी 132वें स्थान है.
रैंक | देश | प्रति व्यक्ति जीडीपी (डॉलर में) |
रैंक | देश | एचडीआई | |
1 | मोनाको | 234,315.5 | 1 | स्विट्ज़रलैंड | 0.962 | |
2 | लिकटेंस्टाइन (2020) | 157,755 | 2 | नॉर्वे | 0.961 | |
3 | लक्समबर्ग | 133,590.1 | 3 | आइसलैंड | 0.959 | |
4 | बरमूडा | 114,090.3 | 4 | हांगकांग एसएआर, चीन | 0.952 | |
5 | आयरलैंड | 100,172.1 | 5 | ऑस्ट्रेलिया | 0.951 | |
6 | स्विट्ज़रलैंड | 91,991.60 | 6 | डेनमार्क | 0.948 | |
7 | नॉर्वे | 89,154.30 | 7 | स्वीडन | 0.947 | |
8 | आइल ऑफ मैन (2019) | 87,157.50 | 8 | आयरलैंड | 0.945 | |
9 | केमन द्वीपसमूह | 86,568.80 | 9 | जर्मनी | 0.942 | |
10 | चैनल द्वीप समूह (2007) | 75,152.60 | 10 | नीदरलैंड | 0.941 | |
11 | सिंगापुर | 72,794.00 | 11 | फिनलैंड | 0.94 | |
12 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 70,248.60 | 12 | सिंगापुर | 0.939 | |
13 | फ़ैरो द्वीप | 69,010.30 | 13 | बेल्जियम | 0.937 | |
14 | आइसलैंड | 68,727.60 | 13 | न्यूज़ीलैंड | 0.937 | |
15 | डेनमार्क | 68,007.80 | 15 | कनाडा | 0.936 | |
16 | कतर | 66,838.40 | 16 | लिकटेंस्टाइन | 0.935 | |
17 | स्वीडन | 61,028.70 | 17 | लक्समबर्ग | 0.93 | |
18 | ऑस्ट्रेलिया | 60,443.10 | 18 | यूनाइटेड किंगडम | 0.929 | |
19 | नीदरलैंड | 57,767.90 | 19 | जापान | 0.925 | |
20 | ग्रीनलैंड (2020) | 54,571.20 | 19 | दक्षिण कोरिया | 0.925 | |
21 | फिनलैंड | 53,654.80 | 21 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 0.921 | |
22 | ऑस्ट्रिया | 53,637.70 | 22 | इजराइल | 0.919 | |
23 | इजराइल | 52,170.70 | 23 | माल्टा | 0.918 | |
24 | कनाडा | 51,987.90 | 23 | स्लोवेनिया | 0.918 | |
25 | बेल्जियम | 51,247.00 | 25 | ऑस्ट्रिया | 0.916 | |
139 | भारत | 2,085.12 | 132 | भारत | 0.633 |
(स्रोत: विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम)
क्या 2047 तक विकसित बन पाएगा भारत?
अब बात आती है कि क्या भारत 2047 तक वाकई में विकसित देश बन सकता है? सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं बल्कि तमाम देसी-विदेशी संस्थान व एजेंसियां भी इसका जवाब हां में देती हैं. अभी तक के आंकड़े इस जवाब को बल देते हैं. उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का यह आंकड़ा ले लीजिए. प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में पिछले साल तक बांग्लादेश भी हमसे आगे था, लेकिन अब भारत आगे है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड की एक ताजी रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक भारत 6 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा. इस दौरान भारत की प्रति व्यक्ति आय में 70 फीसदी की तेजी आएगी और यह आंकड़ा 4,000 डॉलर के पार निकल जाएगा. ऐसा भी अनुमान है कि 2047 तक भारत जीडीपी के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. कुछ आकलन 2047 तक भारत को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनते हुए दिखाते हैं. यकीनन आने वाले सालों में भारत की तरक्की की कहानी शानदार रहने वाली है. रही बात विकसित बनने की, तो रिजर्व बैंक के हिसाब से भारत को ज्यादा नहीं, बस 7.5 फीसदी के आस-पास की एनुअल ग्रोथ रेट की दरकार है. अगर भारत अगले 25 साल तक 7.6 फीसदी की औसत आर्थिक वृद्धि दर को मेंटेन कर लेता है तो हम आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न एक विकसित देश के तौर पर मना रहे होंगे.
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