Passenger Vehicle Demand: आने वाली कुछ तिमाहियों में पैसेंजर व्हीकल की मांग में होगा किस दर से होगा इजाफा, जानें रिपोर्ट का अनुमान
Passenger Vehicle Demand: अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने और देशभर में से पाबंदिया हटने के बाद आने वाली कुछ तिमाहियों में यात्री वाहन क्षेत्र की ग्रोथ मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है.
![Passenger Vehicle Demand: आने वाली कुछ तिमाहियों में पैसेंजर व्हीकल की मांग में होगा किस दर से होगा इजाफा, जानें रिपोर्ट का अनुमान Passenger vehicle demand growth expected to moderate in next few quarters Passenger Vehicle Demand: आने वाली कुछ तिमाहियों में पैसेंजर व्हीकल की मांग में होगा किस दर से होगा इजाफा, जानें रिपोर्ट का अनुमान](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/16/cdac409bfc0ad50571dbbd1c9d3ca67c_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Passenger Vehicle Demand: अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने और देशभर में से पाबंदिया हटने के बाद आने वाली कुछ तिमाहियों में यात्री वाहन क्षेत्र की ग्रोथ मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है. साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने रिपोर्ट जारी कर इस बारे में बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में सेमीकंडक्टर को लेकर आपूर्ति संबंधी चुनौतियों और ईंधन के दाम में हो रहे इजाफे की वजह से वाहनों की संख्या पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
वाहनों की बिक्री 15 फीसदी बढ़ी
एक्यूट ने एक बयान में कहा कि सेमीकंडक्टर से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 में 14.7 फीसदी बढ़ी है. आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण गाड़ियों को सौंपने में देरी हुई और कुछ मॉडलों के उत्पादन पर असर पड़ा है.
पिछले वित्त वर्ष में रही अच्छी ग्रोथ
एजेंसी ने कहा कि 2020-21 में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए कमजोर तुलनात्मक आधार से भी पिछले वित्त वर्ष में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है. एक्यूट ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के अब पूर्ण रूप से खुलने और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के पटरी पर आने के साथ वृद्धि के मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान है.’’
महामारी का असर असंगठित क्षेत्र पर पड़ा
रेटिंग एजेंसी ने दोपहिया वाहनों के बारे में कहा कि देश में कोरोना महामारी का लंबे समय तक असर रहा और इससे असंगठित क्षेत्र तथा छोटे उद्यमों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. बयान के मुताबिक, ‘‘हमारा अनुमान है कि विभिन्न प्रकार की पाबंदियों हटने और कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद से वित्त वर्ष 2022-23 में मांग में तेजी आएगी, लेकिन इसकी समयसीमा अनिश्चित है. इसके साथ ही ईंधन के दाम में तीव्र वृद्धि का भी असर होगा.’’
घरेलू वाहनों की बिक्री 25 फीसदी बढ़ी
वाणिज्यिक वाहनों के बारे में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इनकी घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर 25.2 फीसदी बढ़ी है. इसका मुख्य कारण वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान मांग में सुधार था.
जानें क्या बोले अधिकारी?
एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा, ‘‘वाणिज्यिक वाहनों की मांग में सुधार अर्थव्यवस्था में पाबंदियों के पूर्ण रूप से हटने और बुनियादी ढांचे के विकास तथा देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार पर सरकार के जोर की वजह से जारी रहेगा.’’ हालांकि, चौधरी ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण ईंधन की खुदरा कीमतों में तीव्र वृद्धि माल ढुलाई से जुड़े लोगों के मार्जिन पर दबाव डालेगी और यह निकट भविष्य में नये वाहनों की खरीद को प्रभावित कर सकती है.
यह भी पढ़ें:
Pakistan Rupees: पाकिस्तान के बुरे हाल! पहली बार रुपये 185 के पार, डॉलर के मुकाबले हुई रिकॉर्ड गिरावट
Stock Market: कल की तेजी के बाद आज फिसला बाजार, सेंसेक्स 435 अंक लुढ़का, निफ्टी 17900 के करीब बंद
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शंभू भद्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/fdff660856ace7ff9607d036f59e82bb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)