Patanjali Foods FPO: एफपीओ नहीं लाएगी पतंजलि फूड्स, ऐसे कम की जाएगी प्रमोटर्स की हिस्सेदारी
Patanjali Shares Freeze: शेयर बाजारों ने पतंजलि फूड्स के प्रवर्तकों के शेयरों को इस सप्ताह फ्रीज कर दिया गया है. इस एफएमसीजी कंपनी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग अभी और बढ़ाने की जरूरत है...
एफएमसीजी सेक्टर की प्रमुख कंपनी पतंजलि फूड्स (FMCG Company Patanjali Foods) पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है. कंपनी ने तय समयसीमा के अंदर पब्लिक शेयरहोल्डिंग को बढ़ाने की शर्त का पालन नहीं किया है, इस कारण शेयर बाजारों ने कंपनी के ऊपर कार्रवाई की है. उसके बाद ऐसी चर्चा थी कि कंपनी एफपीओ (Patanjali Foods FPO) ला सकती है. कंपनी पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़ाने के अन्य तरीकों पर विचार कर रही है.
फ्रीज हुए हैं इतने शेयर
पतंजलि फूड्स ने हाल ही में बताया था कि स्टॉक एक्सचेंजों ने उसके करोड़ों शेयरों को फ्रीज कर दिया है. शेयर बाजारों ने पतंजलि फूड्स में प्रवर्तकों के शेयरों को फ्रीज किया है, जिनकी संख्या 292.58 मिलियन है. ये शेयर कंपनी की 80.82 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं. फ्रीज कए गए शेयर 21 प्रवर्तक निकायों के हैं. पतंजलि आयुर्वेद 39.4 फीसदी हिस्सेदारी के साथ पतंजलि फूड्स की सबसे बड़ी शेयरधारक है.
सेबी का शेयरहोल्डिंग नियम
सेबी के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी लिस्टेड कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम-से-कम 25 फीसदी होनी चाहिए. हालांकि 31 दिसंबर 2022 तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पतंजलि फूड्स में सार्वजनिक शेयरधारकों की होल्डिंग 19.18 फीसदी है. एनसीएलटी की प्रक्रिया के बाद पतंजलि समूह ने रुचि सोया का अधिग्रहण किया था, जिसे अब पतंजलि फूड्स नाम से जाना जाता है. साल 2019 में जब यह डील हुई थी, तब कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 98.87 फीसदी थी. कंपनी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग 10 फीसदी और 25 फीसदी करने के लिए क्रमश: 18 महीने और तीन साल का समय मिला था.
अभी इतने शेयर बेचने की जरूरत
पतंजलि फूड्स ने मार्च 2022 में पब्लिक ऑफर के जरिए 4,300 करोड़ रुपये के शेयरों को बेचा था. उसके बाद कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़कर 19.18 फीसदी हो गई थी. अब कंपनी को सेबी के नियमों के हिसाब से प्रमोटर्स की करीब 6 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की जरूरत है. खबरों में बताया जा रहा था कि कंपनी इसके लिए एफपीओ ला सकती है. हालांकि पतंजलि फूड्स ने खबरों का खंडन करते हुए बताया है कि वह शेयर बाजारों के जरिए ऑफर फोर सेल और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट जैसे विकल्पों पर गौर कर रही है.
कंपनी ने दी थी ये सफाई
पतंजलि फूड्स खाने वाले तेलों के सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. इस सेगमेंट में कंपनी की प्रतिस्पर्धा अडानी समूह की एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर से है. शेयर बाजारों की कार्रवाई के बाद कंपनी ने एक बयान जारी कर अपने इन्वेस्टर्स को आश्वस्त किया था. कंपनी ने कहा था कि शेयर बाजारों की हालिया कार्रवाई से न तो उसकी वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी, न ही उसके नियमित परिचालन पर कोई असर होगा.
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