Patanjali Foods Share: फ्रीज हुए पतंजलि के ये शेयर, कंपनी बोली- नहीं होगा कामकाज पर असर
Patanjali Shares Freeze: एफएमसीजी कंपनी पतंजलि फूड्स के प्रवर्तकों के शेयरों को फ्रीज कर दिया गया है. हालांकि कंपनी का कहना है कि शेयर बाजारों के इस कदम का उसके परिचालन पर कोई असर नहीं होगा.
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स्टॉक एक्सचेंजों ने एफएमसीजी कंपनी पतंजलि फूड्स के करोड़ों शेयरों को फ्रीज कर दिया है. यह कदम तय समयसीमा में न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के प्रावधान का पालन नहीं करने के चलते उठाया गया है. हालांकि पतंजलि फूड्स का कहना है कि शेयर बाजारों के इस कदम से उसके नियमित परिचालन पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा.
इतने करोड़ शेयर हुए फ्रीज
शेयर बाजारों ने पतंजलि फूड्स में प्रवर्तकों के शेयरों को फ्रीज किया है, जिनकी संख्या 292.58 मिलियन है. ये शेयर कंपनी की 80.82 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं. कंपनी ने खुद भी बताया है कि उसे शेयरों को फ्रीज किए जाने के बारे में बीएसई और एनएसई से ईमेल मिले हैं. फ्रीज कए गए शेयर 21 प्रवर्तक निकायों के हैं. पतंजलि आयुर्वेद 39.4 फीसदी हिस्सेदारी के साथ पतंजलि फूड्स की सबसे बड़ी शेयरधारक है. शेयर बाजारों ने इन शेयरों को भी फ्रीज किया है. इसके साथ-साथ आचार्य बालकृष्ण की हिस्सेदारी को भी फ्रीज किया गया है.
क्या कहता है सेबी का नियम
सेबी के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी लिस्टेड कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम-से-कम 25 फीसदी होनी चाहिए. हालांकि 31 दिसंबर 2022 तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पतंजलि फूड्स में सार्वजनिक शेयरधारकों की होल्डिंग अभी 19.18 फीसदी है. कंपनी ने शेयर बाजारों की कार्रवाई के बाद सफाई जारी की है.
कंपनी ने किए हैं प्रयास
पतंजलि फूड्स ने बताया है कि कैसे रुचि सोया को एनसीएलटी से खरीदे जाने के बाद नियमों के अनुपालन के प्रयास किए गए हैं. साल 2019 में जब डील हुई थी, तब पतंजलि फूड्स में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 98.87 फीसदी पर थी. कंपनी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग 10 फीसदी और 25 फीसदी करने के लिए क्रमश: 18 महीने और तीन साल का समय मिला था.
इन कारणों से आई दिक्कत
कंपनी ने कहा कि उसने तय समयसीमा में नियमों का पालन करने का भरसक प्रयास किया. इसी कारण कंपनी ने मार्च 2022 में पब्लिक ऑफर के जरिए 4,300 करोड़ रुपये के शेयरों को बेचा, जिसके बाद कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़कर 19.18 फीसदी हो गई. कंपनी ने कहा कि कोरोना महामारी और बाजार की प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते तय सीमा को हासिल नहीं किया जा सका है, लेकिन जल्दी ही नियमों को पूरा कर लिया जाएगा.
फिलहाल नहीं होगा असर
कंपनी ने साथ ही यह भी बताया है कि सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार, शेयर बाजारों में लिस्टिंग के बाद एक साल तक प्रवर्तकों की हिस्सेदारी पर लॉक-इन लगा हुआ है, जो 08 अप्रैल 2023 तक लागू है. इस करण शेयर बाजारों के द्वारा की गई ताजी कार्रवाई का तत्काल कोई असर नहीं होने वाला है. कंपनी ने इसके साथ ही यह भरोसा भी जाहिर किया है कि इस कार्रवाई से उसकी वित्तीय सहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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