एफएमसीजी मार्केट में बड़े हिस्से पर काबिज होने के बाद बाबा रामदेव की नजरें अब अन्य सेक्टर्स पर भी है. ताजे डेवलपमेंट से पता चल रहा है कि पतंजलि आयुर्वेद सॉफ्टवेयर के फील्ड में उतरने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कंपनी करोड़ों रुपये खर्च करने के लिए तैयार है.
पूरी तरह नकदी है पतंजलि का ऑफर
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि आयुर्वेद कर्ज में फंसी सॉफ्टवेयर कंपनी रोल्टा इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही है. इसके लिए पतंजलि आयुर्वेद ने करीब 830 करोड़ रुपये का ऑफर पेश किया है. पतंजलि का यह ऑफर ऑल-कैश ऑफर है. अगर पतंजलि के ऑफर को स्वीकार किया जाता है तो एफएमसीजी के बाद सॉफ्टवेयर सेक्टर में भी उसकी एंट्री का रास्ता साफ हो जाएगा.
एनसीएलटी की मुंबई बेंच का फैसला
पतंजलि ने यह ऑफर ऐसे समय पेश किया है, जब पिछले सप्ताह कर्ज देने वाले बैंकों के द्वारा Ashdan Properties को हाईएस्ट बिडर बताया जा चुका है. पतंजलि ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच से अपने ऑफर पर विचार करने का आग्रह किया, जिसका Ashdan Properties ने विरोध किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनसीएलटी ने फैसला कर्जदाताओं की समिति के ऊपर छोड़ दिया है.
कानूनी पहलुओं पर चल रहा है विचार
ईटी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कर्जदारों की समिति पतंजलि के ऑफर पर विचार करने के बारे में कानूनी राय ले रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि अभी लेंडर्स के सामने जो ऑफर है, उसकी तुलना में पतंजलि का ऑफर बड़ा और बेहतर है. ऐसे में पतंजलि के ऑफर पर विचार करना और उसे स्वीकार करना कर्जदाता बैंकों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
रोल्टा इंडिया के ऊपर इतना है कर्ज
रोल्टा इंडिया एक सॉफ्टवेयर कंपनी है, जिसका फोकस डिफेंस सेक्टर से जुड़ी टेक सर्विसेज पर है. कंपनी के ऊपर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 7,100 करोड़ रुपये बकाया है. उसके अलावा सिटीग्रुप समेत विदेशी बॉन्डहोल्डर्स का 6,699 करोड़ रुपये भी बकाया है. इस तरह रोल्टा इंडिया का कुल कर्ज करीब 14 हजार करोड़ रुपये हो जाता है. कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में जनवरी 2023 में एडमिट किया गया था.
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