नई दिल्ली: नए वित्तीय वर्ष के पहले महीने का आखिरी दिन आ चुका है. ज्यादातर कंपनियां चालू महीने की 30 तारीख से अगले महीने की 7 तारीख तक अपने कर्मचारियों को सैलरी देती हैं. इसका सीधा मतलब ये है कि अब सैलरी पाने का वक़्त है. चूंकि वित्तीय साल बदल गया है और बजट के बाद अप्रैल महीना पहला महीना है इसलिए टैक्स के मोर्चे पर आए बदलाव का असर आपकी सैलरी पर पड़ेगा.
अब आपके जेहन में ये सवाल खड़े हो रहे होंगे कि अगर अभी आपका अप्रेजल नहीं हुआ यानी सैलरी नहीं बढ़ी है तो भी इस महीने पेमेंट में क्या बदलाव होंगे, तो हम आपको बता देते हैं कि इस बार आपके लिए खुशखबरी है. टैक्स के मोर्चे पर आपके लिए कुछ राहत है. पुरानी सैलरी के हिसाब से आपकी सैलरी बढ़कर आएगी.
कैसे सैलरी बढ़कर आएगी?
आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने इस साल बजट पेश करते हुए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का एलान किया था. इसका सीधा मतलब है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आपकी टैक्सेबल इनकम में 40,000 घटा दी जाएगी, यानि आपको कम टैक्स देने पड़ेंगे और इस तरह आपकी सैलरी बढ़कर आएगी.
स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मेडिकल रीइंबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स छूट दे दी गई है. इस वक्त मेडिकल रीइंबर्समेंट 15,000 रुपये है और ट्रांसपोर्ट अलाउंस 19,200 रुपये है. जिसपर टैक्स छूट पाने के लिए अब बिल नहीं देने पड़ेंगे.
लेकिन आप बिल देते आए हैं तो आपके लिए सिर्फ़ 5800 रुपये ही टैक्स की राहत होगी.
किसको, कितना फायदा?
किसको कितना फायदा मिलेगा ये इस बात पर आधारित होगा कि किसे कितनी सैलरी मिलती है और वो टैक्स के किस स्लैब में आता है. इस वक़्त टैक्स के तीन स्लैब हैं. 5%, 20% और 30% टैक्स स्लैब. 5 लाख तक पर 5 फीसदी, 5 लाख से 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर पर 30 फीसदी टैक्स देने पड़ते हैं.
अगर आप बिल नहीं देते हैं तो 5% टैक्स स्लैब में आने वाले को 2000, 20% टैक्स स्लैब में आने वाले को 8000 रुपये और 30% टैक्स स्लैब में आने वाले को 12,000 रुपये रुपये का फायदा होगा.
और अगर बिल देते आएं हैं तो इस हिसाब से 5% टैक्स स्लैब में आने वाले को 290 रुपये, 20% टैक्स स्लैब में आने वाले को 1160 रुपये और 30% टैक्स स्लैब में आने वाले को 1740 रुपये रुपये का फायदा होगा.
जानिए क्यों, आपके लिए खुशखबरी है, पुरानी सैलरी पर भी इस महीने आपकी पेमेंट बढ़कर आएगी
ABP News Bureau
Updated at:
30 Apr 2018 10:18 AM (IST)
वित्त मंत्री ने इस साल बजट पेश करते हुए 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का एलान किया था. इसका सीधा मतलब है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आपकी टैक्सेबल इनकम में 40,000 घटा दी जाएगी, यानि आपको कम टैक्स देने पड़ेंगे और इस तरह आपकी सैलरी बढ़कर आएगी.
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