Chinese Loan Apps: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किए गए 46.67 करोड़ रुपये पर पेटीएम की सफाई
Paytm Update: पेटीएम ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि पेटीएम फंड्स को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किया गया है.
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Chinese Loan Apps: चीनी लोन एप कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी लोन एप कंपनियों के Easebuzz, Razorpay, Cashfree और Paytm जैसी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनियों के अकाउंट में पड़े 46.67 करोड़ रुपये को सीज कर लिया है. इन गेटवे कंपनियों के अकाउंट में पड़े पैसे को एंटी-मनी लॉंड्रिंग कानून के तहत फ्रीज किया है.
इस हफ्ते ने ईडी ने चीनी इंवेस्टमेंट टोकन एप कंपनी पर छापेमारी की थी. इससे पहले जांच एजेंसी ने बैंगलुरू में Razorpay, Paytm और Cashfree के ठिकानों पर पर चीनी व्यक्तियों द्वारा "नियंत्रित" तत्काल ऐप-आधारित लोन देने वाली कंपनियों के संचालन में कथित अनियमितताओं और बाद में 17 करोड़ रुपये जो खाते में जमा थे उनके जब्ती का आदेश दिया था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से डायरेक्टर बनाती हैं जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण और परिचालन चीन के लोग करते हैं. इसके अलावा जांच के दायरे में आई ये कंपनियां भुगतान सेवा कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईटी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थीं और इन कंपनियों ने जो पते दिए थे, वे भी फर्जी हैं.
वहीं पेटीएम ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि पेटीएम फंड्स को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किया गया है. पेटीएम ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के कहने पर कुछ मर्चेंट के पैसे को जब्त किया गया है. इनमें से कोई भी फंड पेटीएम या फिर उसकी ग्रुप कंपनियों का नहीं है.
This is absolutely false news, as clarified by the same handle later. As mentioned in our exchange filing, ED instructed us to freeze certain amount from MIDs of specific merchant entities and none of these funds belong to Paytm or our group companies. pic.twitter.com/CAWKmnLGB5
— Paytm (@Paytm) September 16, 2022
ऑनलाइन भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियां 2020 से ही ईडी की निगाह में हैं. दरअसल कई राज्यों से कर्ज लेने वाले ग्राहकों की आत्महत्या के मामले सामने आए थे जिसके बाद ईडी ने PMLA के तहत जांच शुरू की थी. पुलिस ने भी कहा था कि कर्ज ऐप कंपनियां कर्ज लेने वाले लोगों को डराती-धमकाती हैं.
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