Paytm Crisis: अभी तक पेटीएम में नहीं मिली कोई समस्या, सलाहकार समिति को और काम करना पड़ेगा
Paytm Advisory Committee: पेटीएम में रेगुलेटरी दिक्कतों का पता लगाने और सलाह देने के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष एम दामोदरन ने कहा है कि हमें अभी और समय चाहिए होगा.
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Paytm Advisory Committee: पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के खिलाफ हुई आरबीआई की कार्रवाई के बाद बनाई गई एडवाइजरी कमेटी ने कहा है कि अभी तक उन्हें पेटीएम में कोई बड़ी समस्या समझ में नहीं आई है. पेटीएम (Paytm) की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) कमेटी के अध्यक्ष और सेबी (SEBI) के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन (M Damodaran) ने कहा कि अभी हमें कंपनी के साथ और गहराई से काम करना पड़ेगा.
आरबीआई से निपटने में व्यस्त पेटीएम
एम दामोदरन ने कहा कि हम बाहरी सलाहकार हैं. फिलहाल पेटीएम आरबीआई से निपटने में व्यस्त है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. हम उस स्टेज तक फिलहाल नहीं पहुंचे हैं. आरबीआई (RBI) ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर डिपॉजिट लेने, क्रेडिट ट्रांजेक्शन और टॉप अप करने की रोक लगा दी थी. पहले पेमेंट्स बैंक के लिए 29 फरवरी की डेडलाइन तय की गई थी. अब इसे बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया है. इस सख्त कार्रवाई के बाद पेटीएम ने रेगुलेटरी समस्याओं का पता लगाने के लिए 9 फरवरी को एम दामोदरन की अध्यक्षता में एडवाइजरी कमेटी का गठन कर दिया था.
एम दामोदरन की जीवनी लॉन्च
एम दामोदरन ने अपनी जीवनी द टर्मेरिक लाते (The Turmeric Latte) को लॉन्च करते हुए कहा कि फिनटेक कंपनी के साथ जो भी समस्याएं हुईं, उन पर स्पष्ट रूप से कुछ कहना अभी ठीक नहीं है. उनकी जीवनी सेबी में उनके साथियों के अनुभव पर लिखी गई है. दामोदरन ने कहा कि सेबी के सामने कई सारी समस्याएं हैं. वह एक साथ इन सभी दिक्क्तों से निपटने में परेशानी का अनुभव कर रहा है. यही वजह है कि कभी-कभी लगता है कि वह काफी कार्रवाई कर रहे हैं.
दामोदरन को मिली थीं धमकियां
इस किताब को लिखने में त्रिपुरा कैडर के आईएएस दिनेश त्यागी और पूर्व माइंस सेक्रेटरी सुशील कुमार ने सहयोग दिया है. दिनेश त्यागी सीएससी ई-गवर्नेंस के पूर्व एमडी भी रहे हैं. इस बुक में दामोदरन को मिली धमकियों का भी उल्लेख किया गया है. किताब के मुताबिक, उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहने के दौरान कुछ ऐसे फैसले लिए, जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आए और उन्होंने दामोदरन को धमकियां दी थीं.
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