मुंबई: चीन के एंट ग्रुप और जापान के सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित भारत का डिजिटल पेमेंट लीडर पेटीएम 16600 करोड़ रुपये (2.23 बिलियन डॉलर) तक जुटाने के लिए नियामक अनुमोदन की मांग कर रहा है. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कोल इंडिया लिमिटेड का था. 2010 में कंपनी ने इसके जरिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई थी.


यह पेशकश कंपनी को 1.86 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) से अधिक का मूल्य दे सकती है और वह भी ऐसे समय में जब भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था एक उछाल का अनुभव कर रही है. 


अपने नेटवर्क में 20 मिलियन से अधिक मर्चेंट पार्टनर्स के साथ, पेटीएम के पास अभी भी भारत के मर्चेंट पेमेंट्स का सबसे बड़ा मार्केट शेयर है. हाल ही में कंपनी के ब्लॉग पोस्ट के आंकड़ों के अनुसार, इसके यूजर 1.4 बिलियन मासिक ट्रांसजेक्शन करते हैं.


शुक्रवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, औपचारिक रूप से वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के रूप में जानी जाने वाली कंपनी, ऑफरिंग में 8300 करोड़ रुपये के नए शेयर बेचेगी, जबकि मौजूदा निवेशक घरेलू फिनटेक स्टार्टअप में 8300 करोड़ रुपये का स्टॉक बेचेंगे.


43 वर्षीय उद्यमी विजय शेखर शर्मा द्वारा स्थापित यह कंपनी 2016 में उच्च मूल्य वाले मुद्रा बैंकनोटों पर भारत के आश्चर्यजनक प्रतिबंध के दौरान उभर कर सामने आई,  जिसके परिणामस्वरूप डिजिटल भुगतान में वृद्धि हुई.


पेटीएम को महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर डिजिटल तकनीकों को अपनाने की लोकप्रियता को भुनाने की उम्मीद है. पेटीएम ने कहा है कि आईपीओ से प्राप्त आय का उपयोग उसके भुगतान नेटवर्क का विस्तार करने और अधिग्रहण करने के लिए किया जाएगा, और यह 2,000 करोड़ रुपये तक के प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर सकता है.


कई भारतीय स्टार्टअप ने विदेशी फंडों से निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को भुनाने के लिए सार्वजनिक होने की योजना की घोषणा की है. वॉलमार्ट इंक के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट, ब्यूटी ब्रांड नायका और राइड-हेलिंग सर्विस ओला इस पर काम कर रहे हैं.


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