Paytm Crisis: एक पैन से लिंक थे 1000 से ज्यादा अकाउंट, इस कारण पकड़ में आई पेटीएम की गड़बड़ी!
Paytm Payments Bank: फिनटेक कंपनी पेटीएम को अभी चौतरफा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इन सब की शुरुआत कहां से हुई, आइए जानते हैं...
फिनटेक जगत में अभी भूचाल आया हुआ है. पेटीएम के ऊपर रिजर्व बैंक के हालिया एक्शन के बाद फिनटेक की दुनिया सवालों के घेरे में है. इसके चलते एक तरफ पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर गिर रहे हैं, दूसरी ओर बड़ी संख्या में यूजर दूर हो रहे हैं. इस बीच एक ताजी रिपोर्ट में ये बताया गया है कि पेटीएम की इन मुसीबतों की शुरुआत कैसे हुई...
केवाईसी में बड़ी गड़बड़ियां
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट बताती है कि वन97 कम्युनिकेशंस की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक में अकाउंट केवाईसी को लेकर गड़बड़ियां की जा रही थीं. एक मामले में पाया गया कि एक ही पैन नंबर से एक हजार से ज्यादा अकाउंट लिंक किए गए थे. इसके अलावा बड़ी संख्या में डोरमेंट यानी निष्क्रिय अकाउंट भी पाए गए. यहीं से आरबीआई की नजर टेढ़ी हुई, जिसकी परिणति पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऊपर 31 जनवरी को लिए गए कठोर एक्शन के रूप में हुई.
इन सर्विसेज पर लगी पाबंदी
रिजर्व बैंक ने पेटीएम की बैंकिंग यूनिट को नए ग्राहक जोड़ने और क्रेडिट बिजनेस से तत्काल रोक दिया है. वहीं पेटीएम वॉलेट से जुड़ी कई सर्विसेज को 29 फरवरी के बाद बंद करने के लिए कहा गया है. 29 फरवरी के बाद ग्राहक पेटीएम वॉलेट में पैसे ऐड नहीं कर पाएंगे. इससे पेटीएम फास्टैग जैसी पेटीएम पेमेंट्स बैंक की कई सर्विसेज प्रभावित होने वाली हैं. कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक का बैंकिंग लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है. वहीं आरबीआई के एक्शन के बाद अब पेटीएम के ऊपर ईडी की जांच की तलवार लटक रही है.
एक पैन पर हजारों अकाउंट
एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो पेटीएम पेमेंट्स बैंक में हजारों अकाउंट बिना प्रॉपर आइडेंटिफिकेशन के ओपन कर दिए गए थे. इन अकाउंट की सही से केवाईसी नहीं हुई थी, लेकिन ट्रांजेक्शन करोड़ों रुपये की वैल्यू में किए गए थे. इससे मनी लॉन्ड्रिंग यानी पैसों के हेर-फेर का संदेह उठ रहा है. वहीं बड़ी संख्या में निष्क्रिय अकाउंट और एक ही पैन से लिंक हजारों अकाउंट पाए जाने से मुसीबतें बढ़ीं.
पैरेंट कंपनी के साथ संबंध में भी गड़बड़ी
वेरिफिकेशन के दौरान रिजर्व बैंक और ऑडिटर्स ने पाया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के द्वारा सौंपे गए अनुपालन में गलतियां थीं. रिजर्व बैंक को कंपनी में गवर्नेंस को लेकर भी गड़बड़ियां मिली हैं. खासकर पेटीएम पेमेंट्स बैंक और पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के बीच संबंधों को लेकर गवर्नेंस से जुड़ी खामियां पाई गई हैं. सेंट्रल बैंक ने अपनी जांच में मिले नतीजों को ईडी के अलावा गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ भी साझा किया है.
इस तरह से गिरा शेयर का भाव
रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद पेटीएम के शेयरों में 50 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. 31 जनवरी को देर शाम एक्शन की जानकारी सामने आने के बाद लगातार दो दिन शेयरों के भाव पर 20-20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा. उसके बाद स्टॉक एक्सचेंज ने सर्किट लिमिट को 10 फीसदी घटा दिया तो सोमवार को 10 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया. हालांकि मंगलवार को हल्का सुधार आया और पेटीएम शेयर 3.26 फीसदी मजबूत होकर 452.80 रुपये के स्तर पर रहा. 31 जनवरी को पेटीएम शेयर 763.15 रुपये पर रहा था.
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