Paytm Quarterly Result: पेटीएम की वित्त वर्ष 2022-23 की सितंबर तिमाही में एकीकृत परिचालन आय 76 फीसदी बढ़कर 1,914 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 1,086.4 करोड़ रुपये थी.


डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने सोमवार को वित्तवर्ष 23 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 76 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 1,914 करोड़ रुपये हो गई, जबकि ईएसओपी लागत से पहले ईबीआईटीडीए में सालाना आधार पर 61 फीसदी सुधार के साथ 259 करोड़ रुपये तक पहुंची. डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी पेटीएम की संचालक वन97 कम्युनिकेशंस का एकीकृत शुद्ध घाटा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 593.9 करोड़ रुपये हो गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 481 करोड़ रुपये था.


कंपनी ने अपने सभी व्यवसायों में मजबूत बढ़त की सूचना दी है, जिसने ईएसओपी लागत (पिछली दो तिमाहियों में 200 करोड़ रुपये का सुधार) से पहले एबिटा में सुधार के साथ मजबूत राजस्व वृद्धि हासिल करने में मदद की है. इसने 224 फीसदी सालाना योगदान लाभ और 16 फीसदी क्यूओक्यू से 843 करोड़ रुपये तक लगातार वृद्धि देखी.


कंपनी के भुगतान व्यवसाय राजस्व में लगातार प्लेटफॉर्म विस्तार, उच्च उपयोगकर्ता जुड़ाव, बढ़ते व्यापारी आधार और ऑफलाइन भुगतान में उपकरणों के नेतृत्व वाले नेतृत्व के साथ वित्तवर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 56 फीसदी सालाना और 9 फीसदी यूपीआई की बढ़ोतरी हुई. उपभोक्ताओं को भुगतान सेवाओं से राजस्व 549 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना 55 फीसदी अधिक था, जबकि व्यापारियों को भुगतान सेवाएं सालाना 56 फीसदी की वृद्धि के साथ 624 करोड़ रुपये थीं. यह बिना किसी यूपीआई प्रोत्साहन के हासिल किया गया था.


कंपनी ने कहा कि उसका शुद्ध भुगतान मार्जिन (भुगतान राजस्व और अन्य परिचालन राजस्व, कम भुगतान प्रसंस्करण लागत के रूप में गणना) 428 फीसदी सालाना 443 करोड़ रुपये रहा. इसकी वाणिज्य और क्लाउड सेवाओं ने 377 करोड़ रुपये के राजस्व की सूचना दी यानी 55 फीसदी सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई है.


लोन डिस्ट्रीब्यूशन में पेटीएम का तेजी से विस्तार इसकी वित्तीय सेवाओं के राजस्व का मुख्य उत्प्रेरक बन गया है, जो अब कंपनी के कुल राजस्व का 18 फीसदी है, जबकि वित्तवर्ष 22 की दूसरी तिमाही में यह 8 फीसदी था. वित्तीय सेवाओं के कारोबार से कुल राजस्व 349 करोड़ रुपये रहा, जो 293 फीसदी सालाना और 29 फीसदी तिमाही था.


ये भी पढ़ें


Wedding Sector: 14 दिसंबर तक देश में होंगी 32 लाख शादियां, खर्च होंगे इतने लाख करोड़ रुपये कि जानकर चौंकेंगे