आरबीआई की ओर से बुधवार को डिजिटल पेमेंट्स से जुड़े कुछ नियमों के ऐलान के बाद फिनटेक कंपनियों कंपनियों को आरटीजीएस और एनईएफटी ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करने की इजाजत दे दी गई. इसके साथ ही इंटर पोर्टेबिलिटी फैसिलिटी और कैश विड्रॉल फेसिलिटी की भी इजाजत दे दी गई. यानी अब पेटीएम,वीजा, मास्टर कार्ड और फोन पे से भी आरटीजीएस और एनईएफटी पेमेंट हो सकेंगे.
आरटीजीएस और एनईएफटी के प्रोसेस का अधिकार अभी सिर्फ बैंकों के पास
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट्स इश्यूअर, कार्ड नेटवर्क और टीआरईडीएस ऑपरेटर्स को सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम जैसे कि आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम का सदस्य बनने की सहूलियत दी जाएगी. आरबीआई का यह कदम काफी अहम है क्योंकि आरटीजीएस और एनईएफटी के तहत बड़ी रकम ट्रांसफर की जाती है. इंटरबैंक सेटलमेंट और बिजनेस पे-आउट के लिए इसका इस्तेमाल होता है. अभी तक आरटीजीएस और एनईएफटी को प्रोसेस का अधिकार सिर्फ बैंकों के पास ही है.
क्या है NEFTऔर RTGS?
एनईएफटी (NEFT) यानी National Electronics Fund Transfer. ये Electronic fund transfer system है जिससे पैसे को एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में आसानी और सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर कर सकते हैं. इस फंड ट्रांसफर प्रोसेस को RBI संचालित करता है. RTGS का पूरा नाम Real Time Gross Settlement है. इसका काम भी NEFT की तरह ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करना है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इसके जरिए रियल टाइम में पैसा एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में आसानी से और सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर किया जा सकता है. ये खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो लोग दिन भर में ज्यादा और बड़े अमाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं जैसे बिजनेसमैन वगैरह.
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