MIP Investment: म्यूचुअल फंड के मंथली इनकम प्लान में करें निवेश, हर महीने जेब में आएगी रकम
Mutual Fund का मंथली इनकम प्लान में निवेश के बारे में बताने जा रहे हैं. ये है कि कम जोखिम के बावजूद बैंकों या पोस्ट ऑफिस के फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है.
Monthly Income Plans of Mutual Funds: अगर आप रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के बारे में प्लान कर रहे है, तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. हम आपको म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का मंथली इनकम प्लान (Monthly Income Plans) में निवेश के बारे में बताने जा रहे हैं. यह एक ओपेन-एंडेड फंड है. ये है कि कम जोखिम के बावजूद बैंकों या पोस्ट ऑफिस के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है. यह उन लोगों के लिए अच्छा निवेश है, जो कम रिस्क में अपनी नियमित आमदनी बढ़ाना चाहते हैं या जिनके रिटायरमेंट में अब कुछ ही दिन बचे हैं.
क्या है MIP में निवेश
अगर आप MIP में निवेश पर विचार कर रहे हैं, जो अपनी सेविंग्स का कुछ हिस्सा इक्विटी मार्केट में लगाना चाहते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मंथली इनकम प्लान उन लोगों के लिए बेहतर हो सकता है जो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेगुलर कैश फ्लो बनाए रखना चाहते हैं. इस कैश फ्लो को बनाए रखने के लिए पहले से प्लानिंग करनी चाहिए.
ऐसे करता है काम
MIP को कंजर्वेटिव हाईब्रिड फंड (Conservative Hybrid Funds) कहा जाता है. इसका लगभग 75-90 फीसदी हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट में बाकी 10 से 25 फीसदी इक्विटी में निवेश किया है. इस मिलेजुले पोर्टफोलियो की कारण से इसमें किए निवेश पर सुरक्षा और रिटर्न के बीच संतुलन बना रहता है. शेयर बाजार में कमजोरी आने पर भी रिटर्न पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है. एमआईपी में निवेश के लिए कोई सीमा नहीं है और न ही कोई लॉक-इन पीरियड रहा है.
डिविडेंड रिटर्न की कोई गारंटी नहीं
आपको बता दे कि इस फंड का जो हिस्सा इक्विटी में निवेश होता है, उस पर डेट इंस्ट्रूमेंट के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है. MIP पर मिलने वाले मंथली डिविडेंड पेऑउट फंड (Monthly Dividend Payout Fund) के परफार्मेंस पर निर्भर करते हैं. इक्विटी में निवेश किए हिस्से पर रिटर्न या डिविडेंड की कोई गारंटी नहीं होती, उस पर शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.
डिविडेंड रिटर्न पर मिलेगा टैक्स
एमआईपी से मिलने वाले रिटर्न पर कितना टैक्स देना होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि फंड का कितना हिस्सा इक्विटी में निवेश किया है. बैंक एफडी या पोस्ट ऑफिस पर मिलने वाले ब्याज की तरह ही MIP के डिविडेंड रिटर्न पर भी टैक्स पेयर के स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है. अगर फंड में 3 साल से ज्यादा अवधि तक निवेश किया जाए, तो कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन के बाद 20 फीसदी टैक्स लगता है. जिससे टैक्स के ऊंचे स्लैब में आने वाले निवेशकों को फायदा होता है.
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