Minimum Pension Hike: ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये करने की मांग, पेंशनभोगी करेंगे विरोध प्रदर्शन
EPS 95: मौजूदा समय में कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस 95 के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये महीना है जिसे पेंशनर्स बढ़ाकर 7500 रुपये करने की मांग कर रहे हैं.
Pension Hike Demand: सरकार पर पहले से ही सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम यानि ओपीएस को फिर से बहाल करने की मांग करते आए हैं. अब एम्पलॉय प्राविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (Employee Provident Fund Organisation) के दायरे में आने वाले कर्मचारी और पेंशनधारक ईपीएफओ की पेंशन स्कीम ईपीएस - 95 (EPS-95) के तहत मिलने वाले न्यूनतम पेंशन को हर महीने 7500 रुपये करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की गुरुवार 7 दिसंबर, 2023 में दिल्ली में रैली होने जा रही है.
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि समिति अपनी मांगों के समर्थन में रामलीला मैदान में रैली करने जा रही है. समिति का दावा है कि न्यूनतम पेंशन हर महीने बढ़ाकर 7,500 रुपये करने समेत अन्य मांगों के समर्थन में इस रैली में देशभर से आए 50,000 कर्मचारी और पेंशनधारक शामिल होंगे. पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन को 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं.
मौजूदा समय में कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस -95 के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये महीना है. रामलीला मैदान में रैली के बाद पेंशनभोगी 8 दिसंबर से जंतर-मंतर पर अनशन भी करेंगे. समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड कमांडर अशोक राउत ने कहा, हम अपनी मांगों के समर्थन में सात दिसंबर को रामलीला मैदान में रैली करेंगे. उन्होंने कहा कि ये सरकार को ये आखिरी चेतावनी है और मांगे नहीं मानी गई तो आमरण अनशन करेंगे.
कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस - 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. जबकि एम्पलॉयर के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जमा किया जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 फीसदी का योगदान करती है. अशोक राउत ने कहा, तीस - तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में इतनी कम रकम मिल रही है, जिससे कर्मचारियों पेंशनधारक और उनके परिवारजनों का जीना दुभर हो चुका है.
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