Liquid Net Worth: देश में अमीर, मिडिल क्लास और गरीब को लेकर इन दिनों एक बहस छिड़ी हुई है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अमीरी और गरीबी को लेकर आज के जमाने के हिसाब से नई परिभाषा दी गई. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर चर्चा जारी है. इस पोस्ट में दावा किया गया है कि आज के जमाने में देश में 50 लाख रुपये कमाने वाला भी लोअर मिडिल क्लास में आता है. वह खुद को अमीर नहीं कह सकता. यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है. इस पर लगभग 8 लाख व्यूज आ चुके हैं. 






सोशल मीडिया पर पोस्ट की पूरी टेबल 


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आई इस पोस्ट में सौरव दत्ता नाम के निवेशक ने लिखा कि आज के जमाने में 10 लाख रुपये नेट वर्थ वाला इंसान गरीब है. साथ ही 50 लाख रुपये तक कमाने वाला खुद को लोअर मिडिल क्लास कैटेगरी में रख सकता है. अब एक करोड़ रुपये नेट वर्थ वाले खुद को मिडिल क्लास कह सकता है. साथ ही 2 करोड़ रुपये वाले खुद को अपर मिडिल क्लास और 5 करोड़ रुपये नेट वर्थ वाले खुद को अमीर मान सकते हैं. अगर आप खुद को हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल (HNI) मानते हैं तो आपकी कमाई कम से कम 10 रुपये होनी चाहिए. सौरव दत्ता यूरोप में रहते हैं. उन्होंने अमीर, मिडिल क्लास और गरीब की पूरी टेबल बनाकर 20 जून को सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. इसमें उन्होंने खुद को HNI बताया है.


आदमी के पास ऐसे एसेट हों जिन्हें वह 2 दिन में कैश कर सके


उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि अल्ट्रा एचएनआई वो हैं, जिनकी नेट वर्थ फिलहाल 50 करोड़ रुपये है. इससे ज्यादा नेट वर्थ वालों को भी उन्होंने अपनी लिस्ट में जगह दी है. उनके मुताबिक, 200 करोड़ रुपये नेट वर्थ वाला खुद को डोंट केयर वेल्थ कैटेगरी में रख सकता है. अगर आपकी नेट वर्थ 1000 करोड़ रुपये है तो आप इसे जेनरेशनल वेल्थ मान सकते हैं. उन्होंने लिखा कि आदमी के पास सिर्फ ऐसे एसेट होने चाहिए, जिनको वह 2 दिन में कैश कर सके. आपका घर और प्लॉट लिक्विड एसेट नहीं है. गोल्ड को आप लिक्विड एसेट में रख सकते हैं.


सोशल मीडिया पर आ रहे अलग-अलग तरह के कमेंट 


सोशल मीडिया पर कई यूजर्स उनसे सहमत और असहमत दिखाई दिए हैं. एक यूजर ने मजेदार कमेंट करते हुए लिखा कि मुझे हमेशा से लगता था कि मैं अपर मिडिल क्लास में आता हूं. मगर, आज खुद को गरीब महसूस कर रहा हूं. एक ने गुस्सा दिखाते हुए लिखा कि आप अपनी दौलत का दिखावा कर रहे हैं. किसी यूजर ने लिखा कि इस टेबल को बनाने के लिए किसी डेटा का इस्तेमाल नहीं किया गया है. हालांकि, पैसे की वैल्यू तेजी से नीचे जा रही है. 


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