Liquor Consumption in India: फ्रांस की शराब बनाने वाली कंपनी पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard) के लिए भारत अब दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है. कंपनी के अनुसार, भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. कंपनी के सीईओ एलेग्जेंडर रिकार्ड (Alexandre Ricard) के अनुसार, भारत में उनके प्रीमियम प्रोडक्ट्स एब्सोल्युट वोडका (Absolut Vodka), शिवास रीगल (Chivas Regal) और ग्लेनलिवेट (Glenlivet) की डिमांड तेजी से बढ़ी है. एलेग्जेंडर रिकार्ड का कहना है कि भारत में बढ़ती संपन्नता के चलते यह अंतर आ रहा है.
सेल्स में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आया भारत
पेरनोड रिकार्ड के चेयरमैन एवं सीईओ का कहना है कि भारतीय मार्केट से हमें अच्छे संकेत मिल रहे हैं. देश की जीडीपी मजबूत है. मिडिल और अपर मिडिल क्लास की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. साथ ही देश में हर साल 2.5 करोड़ युवा ड्रिंकिंग एज में आ जा रहे हैं. पिछले वित्त वर्ष तक कंपनी की ग्लोबल सेल में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे नंबर पर था. वह कंपनी की कुल सेल में लगभग 10 फीसदी का योगदान कर रहा था. हालांकि, वॉल्यूम के हिसाब से भारत दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट कई साल से है. अब भारत 12 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अमेरिका के ठीक पीछे नंबर 2 पर आ गया है. कंपनी की सेल में चीन की हिस्सेदारी 10 फीसदी रह गई है. अमेरिका 19 फीसदी के साथ नंबर 1 बना हुआ है.
नागपुर में एशिया की सबसे बड़ी डिस्टलरी बनाएगी कंपनी
एलेग्जेंडर रिकार्ड ने बताया कि कंपनी की सालाना सेल 11.5 अरब यूरो है. इसमें भारत का कारोबार 1.38 अरब यूरो (12,700) का योगदान दे रहा है. पिछले साल कंपनी ने भारत में 20 करोड़ यूरो का निवेश करने का ऐलान किया था. वह नागपुर के नजदीक एशिया की सबसे बड़ी डिस्टलरी बनाने वाले हैं. अभी वह नाशिक के नजदीक एक डिस्टलरी चला रहे हैं. इसके अलावा उनके देशभर में 24 बॉटलिंग प्लांट हैं. वह भारत में हर साल 3.5 करोड़ यूरो का निवेश कर रहे हैं.
भारत के व्हिस्की बाजार में छाए हुए हैं कंपनी के ब्रांड
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एल्कोहल बेवरेज फर्म पेरनोड रिकार्ड भारत के व्हिस्की बाजार (India Whiskey Market) के लगभग एक चौथाई हिस्से को नियंत्रित करती है. भारत में कंपनी के प्रोडक्ट ब्लेंडर्स प्राइड (Blenders Pride), रॉयल स्टैग (Royal Stag) और इंपीरियल ब्लू (Imperial Blue) की बिक्री सबसे ज्यादा है. कंपनी की भारत के प्रीमियम व्हिस्की मार्केट पर 42 फीसदी हिस्सेदारी है.
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