Best Tax Saving Plans: वित्त वर्ष 2022-23 अब समाप्त होने वाला है. मार्च यानी यह महीना समाप्त होते ही नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही इनकम टैक्स बचाने की कवायद भी तेज होने लगी है. यूं तो टैक्सपेयर को पहले ही इन्वेस्टमेंट कर लेना चाहिए, लेकिन अगर आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो भी आपके पास 31 मार्च तक का समय है.


टैक्स बचाने के कई विकल्प


अगर आप 31 मार्च तक टैक्स बचाने वाली योजनाओं में निवेश कर लेते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आप कटी रकम को क्लेम कर सकते हैं. इनकम टैक्स अधिनियम के तहत टैक्स बचाने की कई सुविधाएं दी गई हैं. आप सभी विकल्पों पर अच्छे से गौर कर ज्यादा से ज्यादा टैक्स सेविंग कर सकते हैं. बहरहाल हम आज बात करने वाले हैं, ऐसे लोगों की जिन्होंने अब तक टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट नहीं किया है.


एफडी बेहतर या पीपीफ?


टैक्स बचाने के लिए निवेश करने की डेडलाइन 31 मार्च है. क्या आपने भी अब तक इन्वेस्टमेंट नहीं किया है और अंतिम समय पर टैक्स बचाना चाहते हैं, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि टैक्स बचाने के लिए 80C में कहां निवेश करें? कौन-से ऑप्शन बेहतर हैं? आप तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपको फिक्स्ड डिपॉजिट करानी चाहिए या पीपीएफ बेहतर होगा? तो आइए देखते हैं कि इनमें से कौन-सा टैक्स सेविंग विकल्प दूसरे से बेहतर है?


लॉन्ग टर्म के लिए पीपीएफ बेहतर


5 साल की टैक्स सेविंग एफडी में बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए निवेश कर सकते हैं. इसमें 7 फीसदी तक का रिटर्न मिल रहा है. वहीं पीपीएफ में अभी 7.1 फीसदी का सालाना रिटर्न मिल रहा है. हालांकि, इसमें 15 साल का लॉक इन पीरियड है. यानी लॉन्ग टर्म के लिहाज से पीपीएफ सही हो सकता है, लेकिन अगर आप लंबे समय तक अपने पैसे को फंसाना नहीं चाहते हैं तो यह विकल्प आपके लिए ठीक नहीं है.


एफडी पर कम रटर्न


अब इन दोनों की तुलना करें तो एफडी में रिटर्न कुछ कम है. इसके साथ ही जो ब्याज मिलता है, उस आय पर टैक्स भी भरना पड़ता है. वहीं पीपीएफ में रिटर्न ज्यादा है और पूरी तरह से टैक्स-फ्री भी है. कुल मिलाकर देखें तो कह सकते हैं कि लॉन्ग टर्म निवेश करने वालों के लिए पीपीएफ एक बेहतर विकल्प है, जबकि छोटी अवधि चाहने वालों के लिए टैक्स सेविंग एफडी बेहतर है.