Mutual Funds: हाइब्रिड फंड क्या है, क्या है इनमें निवेश का फायदा, जानें जरूरी बातें
Mutual Funds: हाइब्रिड फंड भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो एक ही फंड के अंदर कई एसेट क्लास में निवेश करता है.
Mutual Funds: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास एक ऑप्शन हाइब्रिड फंड का भी है. हाइब्रिड फंड भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो एक ही फंड के अंदर कई एसेट क्लास में निवेश करता है. फंड के प्रकार के आधार पर, यह दो या दो से अधिक एसेट क्लास का कॉम्बिनेशन हो सकता है. इनमें इक्विटी, डेब्ट, सोना और इंटरनेशनल इक्विटी अलग-अलग अनुपात में शामिल हैं. इन एसेट क्लास के बीच बहुत कम या कोई संबंध नहीं होता है.
हाइब्रिड फंड के लाभ
हाइब्रिड फंड की खासियत यह है कि फंड का पैसा इक्विटी के साथ डेट एसेट में भी लगाया जाता है. कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है. अलग-अलग क्लास में निवेश के कारण इसमें निवेश से डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है. मान लीजिए अगर इक्विटी में लगा पैसा कम होता है या बाजार के माहौल के मुताबिक बिगड़ता है तो डेट और सोने में लगे पैसे के जरिए फंड बैलेंस हो जाता है. ठीक अगर सोने में कमजोरी से फंड में रिटर्न कम होता है तो डेट और इक्विटी के जरिए बैलेंस हो जाता है. यानी की अलग-अलग एसेट क्लास यानी की डाइवर्सिफिकेशन से में निवेश करने से फंड को फायदा होता है.
हाइब्रिड फंड की छह सब-कैटेगरी हैं. जानते हैं इनके बारे में:-
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड
- अगर आप अधिक जोखिम ले सकते हैं तो ही इस पर विचार करें.
- इसमें 65-80 फीसदी पैसा इक्विटी (लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप की अलग-अलग कैटेगरी) में निवेश किया जाता है.
- 20%-35% पैसा निश्चित आय उपकरणों में निवेश किया जाता है.
- पांच साल से अधिक की अवधि के लिए इस कैटेगरी पर विचार करना चाहिए.
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड
- 10-25% पैसा इक्विटी में निवेश किया जाता है.
- बाकी पैसे को डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है.
- डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर शामिल होते हैं.
- डेब्ट निवेश नियमित और स्थिर आय हासिल के लिए किया जाता है.
- इक्विटी पोर्टफोलियो में बेहतर रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड
- यह कुछ पूर्व-निर्धारित वैल्यूएशन मापदंडों के आधार पर इक्विटी और फिक्स्ड इनकम के बीच आवंटन को बढ़ाते / घटाते हैं.
- बाजार की स्थिति के आधार पर शुद्ध इक्विटी फंड की तुलना में ये फंड इक्विटी और निश्चित इनकम उपकरणों के बीच बैलेंस रखता है.
आर्बिट्रेज फंड
- यह फंड अलग-अलग एक्सचेंजों पर या दो अलग-अलग बाजारों (कैश और डेरिवेटिव बाजार) के बीच स्टॉक की मूल्य अंतर फायदा उठाते हैं.
- इक्विटी टैक्सेशन के फायदे के साथ, एक आर्बिट्रेज फंड शॉर्ट टर्म सरप्लस लिक्विडिटी को निवेश करने और अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए एक निवेशक की पसंद हो सकता है.
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड
- यह फंड कम तीन अलग-अलग एसेट्स में निवेश करता है, जिसमें प्रत्येक में न्यूनतम 10% पैसा लगाया जाता है.
इक्विटी सेविंग फंड
- ये फंड इक्विटी, डेट और आर्बिट्रेज का एक बढ़िया मिश्रण है. इक्विटी और आर्बिट्रेज पोजीशन में न्यूनतम 65% और निश्चित आय के साधनों में शेष राशि आवंटित करके एक इक्विटी सेविंग फंड बढ़िया ऑप्शन पेश करता है.
(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्हीं भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)
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