Car Insurance Policy: देश में सैकड़ों तरीके के कार इंश्योरेंस मौजूद हैं, जिस कारण लोग सही बीमा पॉलिसी लेने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. मोटर वाहन एक्ट 1988 के अनुसार, भारत में कार मालिक को अपनी गाड़ी का बीमा करना अनिवार्य है. अगर आपने कोई कार खरीदी है या फिर आपके पुराने वाहन का इंश्योरेंस खत्म हो चुका है तो यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जिसकी मदद से आप एक सही इंश्योरेंस पॉलिसी का चयन कर सकते हैं.
आपकी आवश्यकता क्या है
सबसे पहले ये जानान जरूरी है कि आप किस तरह का बीमा प्लान लेना चाहते हैं. भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ विस्तृत बीमा प्लान पेश किए जाते हैं. गाड़ी डैमेज के लिए अलग प्लान, इंजन और आग लगने की स्थिति के लिए अलग प्लान और गाड़ी चोरी होने की स्थिति में अलग बीमा प्लान हैं. वहीं अगर आप सभी सुविधा एक ही बीमा प्लान में लेना चाहते हैं तो उसके लिए अलग से इंश्योरेंस प्लान को चुनना होगा.
कैसे चुने सही कार इंश्योरेंस प्लान
किसी भी कार इंश्योरेंस प्लान को चुनने से पहले मार्केट में उपलब्ध अन्य प्लान की तुलना करनी चाहिए. यह आपके खोज को कम कर देगी. आइए जानते हैं आपको एक बीमा पॉलिसी में क्या क्या देखना चाहिए.
ऐड-ऑन की सुविधा
ऐड-ऑन अतिरिक्त कवरेज, जिसे एक्स्ट्रा रुपये से अधिक अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके खरीदा जा सकता है. यह केवल व्यापक बीमा पॉलिसी योजनाओं में उपलब्ध है.
क्लेम करना सीखें
यह समझना सर्वोपरि है कि बीमा का दावा कैसे किया जाए. इसलिए बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले दावों की प्रक्रिया के बारे में पूरी तरह से जानना चाहिए.
क्लेम सैटलमेंट रेश्यो चेक करें
पॉलिसी खरीदने से पहले हमेशा बीमाकर्ता के क्लेम सैटलमेंट रेश्यो की जांच करनी चाहिए. यह रेश्यो एक वर्ष में मिले दावों की संख्या के खिलाफ कंपनी द्वारा निपटाए गए दावों की संख्या की जानकारी देता है.
गलत जानकारी न दें
अगर बीमा कंपनी को पता चलता है कि दी गई जानकारी गलत है तो वह बीमा को तुरंत रद्द कर सकती है. इसलिए हमेशा सही जानकारी देनी चाहिए.
नियम और शर्त को जानें
पॉलिसी खरीदने से पहले नियम और शर्तों को अच्छी तरह से जान लें इसके लिए हर क्लॉज और शर्तों को समझना जरूरी है.
नो-क्लेम बोनस से सावधान रहें
नो क्लेम बोनस बीमा कंपनी की ओर से प्रीमियम भुगतान पर दी जाने वाली छूट है. ऐसे में ग्राहकों का सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि कई अन्य तरह के चार्ज जोड़े जा सकते हैं. साथ ही क्लेम का पैसा भी फंस सकता है.
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