Income Tax: जब तक देश में टैक्स देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होती तब तक पर्सनल इनकम टैक्स के दरों में कमी की गुंजाइश बेहद कम है. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा है कि देश में टैक्सपेयर्स की संख्या के बढ़ने के बाद ही केंद्र सरकार पर्सनल इनकम टैक्स के दरों (Personal Income Tax Rates) में कमी करने पर विचार कर सकती है.  


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टैक्स के दरों में कमी करने पर तरुण बजाज ने कहा कि सबसे पहले टैक्स टू जीडीपी के अनुपात (Tax-2-GDP Ratio) को बढ़ाये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में 7 से  7.5 Crore टैक्सपेयर्स हैं जिसमें केवल 25 फीसदी लोग ही टैक्स का भुगतान करते हैं बाकी केवल इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं. उन्होंने बताया कि ये धारना है कि कि मिडिल क्लास टैक्स का भुगतान करता है लेकिन ज्यादा लोग टैक्स नहीं देते हैं. मिडिल क्लास की संख्या 20 करोड़ के करीब है लेकिन टैक्स देने वालों की संख्या केवल 1 से 1.5 करोड़ के बीच है. उन्होंने कहा कि इसलिए देश में टैक्स बेस को बढ़ाने और सरल बनाने की दरकार है. तरुण बजाज ने कहा कि जिस प्रकार कॉरपोरेट टैक्स के मोर्चे पर सरलीकरण किया गया वैसे ही पर्सनल इनकम टैक्स में किया जाए तो इसका बहुत फायदा होगा. उन्होंने कहा कि टैक्स बेस बढ़ा तो सरकार पर्सनल इनकम टैक्स के दरों में कमी करने के बारे में जरूर विचार कर सकती है. 


बहरहाल पुराने टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये तक के आय वालों को कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है. 2.50 से 5 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगता है. जिसमें 5 लाख रुपये से कम टैक्सेबल इनकम होने पर सरकार 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट देती है. यानि जिनकी आय 5 लाख लाख से कम है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. लेकिन 5 लाख रुपये से एक रुपये भी ज्यादा आय हुआ तो ये रिबेट नहीं मिलता है. 5 से 10 लाख रुपये तक के आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्यादा के इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. 5 से 10 लाख रुपये तक के आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्यादा के इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. 


नए इनकम टैक्स रिजिम के तहत 2.5 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. 2.50 से 5 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी, 5 से 7.50 लाख रुपये तक के इनकम पर 10 फीसदी, 7.50 - 10 लाख रुपये तक के आय पर 15 फीसदी, 10 से 12.50 लाख रुपये तक के आय पर 20 फीसदी, 12.50 से 15 लाख रुपये तक के आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर के आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. 


तरुण बजाज ने कहा कि जिन लोगों ने आय को छुपाने की कोशिश की है उसका इनकम टैक्स विभाग के इंटेलीजेंस ने पता लगाया है और ऐसे लोगों को अपडेटेड टैक्स रिटर्न फाइल करने को कहा गया जिससे सरकार का रेवेन्यू बढ़ा है. 


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