Petrol Diesel Crisis: 31 मई 2022 से देश के 24 से राज्यों में पेट्रोल डीजल की किल्लत हो सकती है. पेट्रोल पंप मालिकों ने 31 मई से ऑयल डिपो से पेट्रोल डीजल नहीं खरीदने का फैसला किया है. पंप मालिकों ने पेट्रोल डीजल बेचने पर कमीशन बढ़ाये जाने की मांग कर रहे हैं जिसमें बीते 5 सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. 


इन राज्यों में हो सकता है पेट्रोल डीजल का संकट
राजधानी दिल्ली समेत 17 राज्यों के पेट्रोल पंप डीलरों ने फैसला लिया है कि वे 31 मई से ऑयल डिपो से पेट्रोल डीजल नहीं खरीदेंगे. पेट्रोल पंप डीलर अपनी दो मांगों को लेकर सरकार पर दवाब बनाने के लिए 31 मई 2022 से ऑयल डिपो से पेट्रोल डीजल नहीं खरीदने का फैसला किया है. पेट्रोल पंप डीलरों के इस कदम से जिन राज्यों में पेट्रोल डीजल की किल्लत हो सकती है उन राज्यों के नाम है तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली शामिल है. 


पंप डीलरों की कमीशन बढ़ाने की मांग 
पंप मालिकों का कहना है कि 2017 के बाद से पेट्रोल डीजल बेचने पर उनका कमीशन नहीं बढ़ाया गया है. जबकि पेट्रोल  डीजल का न्यूनत्तम स्टॉक रखने के लिए डीलरों को जो निवेश करना होता है वो महंगे दामों के चलते दोगुना हो चुका है है. पेट्रोल पंप डीलरों का कहना है कि 60 से 70 रुपये में जब पेट्रोल मिला करता था और 45 से 50 रुपये में जब डीजल मिल रहा था उस समय उन्हें जो कमीशन मिला करता था वहीं कमीशन पेट्रोल डीजल की कीमत 100 रुपये से ऊपर जाने पर मिल रहा है.  मौजूदा समय में पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल बेचने पर 3.85 रुपये प्रति लीटर तो डीजल बेचने पर 2.58 रुपये प्रति लीटर का कमीशन मिलता है.  


एक्साइज ड्यूटी घटाने से नुकसान
पेट्रोल पंप डीलरों को अचानक पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने पर भी आपत्ति है. पंप डीलरों का कहना है कि 2017 के बाद से 3 बार सरकार ने तेल कंपनियों पर बार डाले बगैर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दिया वो भी पेट्रोल डीजल के दामों में बिना किसी बदलाव के. जिससे फायदा तेल कंपनियों को हुआ. लेकिन दो मौकों पर सरकार ने पहले 4 नवंबर 2021 और अब  22 मई 2022 से सरकार ने अचानक पेट्रोल ( Petrol) डीजल ( Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty) घटाने का ऐलान कर दिया. पेट्रोल पंप डीलरों को कहा है कि सरकार के शनिवार को एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty) घटाने के फैसले से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. जब पेट्रोल डीजल की मांग वीकेंड होने के चलते घट जाती है और पंप डीलरों के पास सबसे ज्यादा स्टॉक होता है. 


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