Petrol-Diesel Demand: मानसून की दस्तक का पेट्रोल-डीजल की मांग पर पड़ा असर, जुलाई के पहले पखवाड़े में आई गिरावट
Petrol-Diesel Demand in July 2022: मानसून की शुरुआत होने के साथ ही पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की मांग में गिरावट देखने को मिली है.
Petrol-Diesel Demand: मानसून की शुरुआत होने के साथ ही पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की मांग में गिरावट देखने को मिली है. उद्योग की ओर से रविवार को जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. मानसून की दस्तक की वजह से कई सेक्टर में ईंधन का इस्तेमाल कम हुआ है. साथ ही आवाजाही घटने की वजह से भी इसकी मांग में गिरावट देखने को मिली है.
डीजल की मांग 13.7 फीसदी घटी
सबसे ज्यादा इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत एक से 15 जुलाई के दौरान 13.7 फीसदी घटकर 31.6 लाख टन रह गई, जो पिछले महीने की समान अवधि में 36.7 लाख टन थी.
मानसून की वजह से मांग में आती है गिरावट
आपको बता दें देश में डीजल की मांग मानसून पर काफी निर्भर करती है. आमतौर पर अप्रैल-जून की तुलना में जुलाई-सितंबर की तिमाही में डीजल की मांग कम रहती है. बाढ़ की वजह से जहां आवाजाही घटती है वहीं बारिश के चलते कृषि क्षेत्र में भी डीजल का इस्तेमाल कम हो जाता है. कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए सिंचाई के लिए पंप चलाने को डीजल का इस्तेमाल होता है, लेकिन मानसून के समय इसकी जरूरत नहीं होती.
कोरोना की दूसरी लहर में काफी घटी थी मांग
अगर हम सालाना आधार पर डीजल की मांग की बात करें तो इसमें 27 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. पिछले साल की समान अवधि में महामारी की दूसरी लहर की वजह से डीजल की मांग काफी घटी थी.
पिछले साल की तुलना में 43 फीसदी बढ़ी मांग
एक से 15 जुलाई 2020 की तुलना में डीजल की मांग 43.6 फीसदी बढ़ी है. उस समय यह 22 लाख टन रही थी. वहीं यह कोविड-पूर्व यानी जुलाई, 2019 की तुलना में 13.7 फीसदी अधिक रही है.
जून में बढ़ी थी मांग
जुलाई के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की मांग 7.8 फीसदी घटकर 12.7 लाख टन रह गई, जो पिछले माह की समान अवधि में 13.8 लाख टन थी. यह आंकड़ा जुलाई, 2021 से 23.3 फीसदी और जुलाई, 2020 के पहले पखवाड़े से 46 फीसदी ऊंचा है. यह जुलाई, 2019 यानी कोविड-पूर्व की समान अवधि से 27.9 फीसदी ज्यादा है. जून में वाहन ईंधन की मांग बढ़ने की मुख्य वजह गर्मियों की छुट्टियों के बीच लोगों की ठंडे स्थानों की यात्रा थी.
विमान ईंधन की भी बढ़ी मांग
विमानन क्षेत्र के फिर से खुलने के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या बढ़ी है. इस वजह से विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग भी बढ़ी है. आंकड़ों के मुताबिक, एक से 15 जुलाई के दौरान एटीएफ की मांग सालाना आधार पर 77.2 फीसदी बढ़कर 2,47,800 टन पर पहुंच गई. यह जुलाई, 2020 की समान अवधि से 125.9 फीसदी ज्यादा है. हालांकि, यह कोविड-पूर्व यानी जुलाई, 2019 की समान अवधि से 17.7 फीसदी कम है. पिछले महीने की समान अवधि की तुलना में एटीएफ की मांग 6.7 फीसदी घटी है.
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
एक अधिकारी ने कहा कि महामारी से संबंधित अंकुश हटने के साथ देश में ईंधन की मांग बढ़ रही है. अधिकारी ने कहा है कि मानसून के महीनों में आमतौर पर ईंधन की खपत कम रहती है, लेकिन साल के शेष महीनों में मांग तेज रहने की उम्मीद है.