Price Rise Pinch : अब तो लोग यही कहने लगे हैं हाय री महंगाई ! पेट्रोल डीजल ( Petrol Diesel ) और रसोई गैस ( Cooking Gas) के दामों में वैसे ही अग लगी थी,  सीएनजी - पीएनजी ( CNG - PNG) के दाम भी बढ़ने लगे हैं. खाने के तेल ( vegetable Oil) से लेकर दाल भी महंगा हो चुका है. अब तो साग-सब्जियां और फल ( Vegetables - Fruits) भी महंगी हो रही है. ऐसे में लोगों को यहीं चिंता सता रही है कि इतनी महंगाई ( Inflation) में ये दीवाली लोगों को दीवाला ना निकाल दे.

  


दीवाली छठ पर सताएगी महंगाई 


धनतरेस, दीवाली और छठ का त्योहार दस्तक देने को है. इन त्योहारों में हर सभी चीजों की खपत बढ़ जाती है. और इस बार भी त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ने के ही आसार हैं. वहीं बेमौसम बारिश के चलते फल-सब्जी के दाम बढ़ने लगे हैं तो माना जा रहा है कि महंगाई के दौरान इन तीजों के दाम और भी बढ़ सकते हैं. तो महंगे पेट्रोल - डीजल, और सीएनजी के चलते वैसे ही माल ढुलाई महंगी हो चुकी है. जिससे महंगाई का बढ़ना तय माना जा रहा है. सितंबर महीने में भले ही महंगाई दर पिछले कुछ महीनों के मुकाबले कम रही हो लेकिन अक्टूबर में इसके और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. 


और महंगा होगा ईंधन


केवल अक्टूबर महीने में पेट्रोल 5.60 रुपये तो डीजल 6.10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. अक्टूबर महीने में ही सीएनजी 4.56 रुपये प्रति किलो और पीएनजी 4.20 रुपये प्रति यूनिट तक महंगा हो चुकी है. इन सभी पेट्रोलियम पदार्थों के और दाम बढ़ने की आशंका है क्योंकि जहां कच्चा तेल और महंगा हो सकता है वहीं प्राकृतिक गैस के भी दाम बढ़ रहे हैं.  


बारिश से फल-सब्जी महंगी


आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर सितंबर में 4.35 फीसदी के मुकाबले ज्यादा रहेगी. उनके मुताबिक करीब-करीब सभी क्षेत्रों में महीने दर महीने के आधार पर दामों में बढ़त देखने को मिल सकती है. दरअसल सितंबर के मुकाबले अक्टूबर महीने में सब्जियों के दामों में तेजी देखी गई है. इसके पीछे देश के कई इलाकों में पिछले साल के मुकाबले भारी बारिश से खराब हुई फसल को जिम्मेदार माना जा रहा है. साथ ही ऊंचे पेट्रोल और डीजल के दामों की वजह से ट्रांसपोर्ट की बढ़ी लागत के असर से भी दामों के स्तर बढ़ रहे हैं. 


खाने के तेल में भी राहत नहीं 


सरसों का तेल 200 रुपये प्रति किलो को पार कर चुका है. खाने के तेल के दामों पर शिकंजा कसने के सरकार की कोशिशें भी नाकाफी साबित हो रही है. सरकार ने हाल ही में  खाद्य तेलों पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई थी, लेकिन खाने के तेल के दामों में कमी आने का नाम नहीं ले रही.  एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खपत का 54 फीसदी से भी ज्यादा खाद्य तेलों का आयात किया जाता है. मौजूदा समय में दुनियाभर में बढ़ती खपत के चलते इसके दाम बढ़े हैं. पिछले साल के मुकाबले 60 फीसदी से ज्यादा खाने का तेल महंगा हो चुका है. अकेले सितंबर महीने में खाने का तेल 30 फीसदी तक महंगा हुआ है. त्याहारी सीजन और आने वाले महीने में शादियों के मौसम के आने के चलते मांग बढ़ने से दाम के और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में महंगाई से राहत कि उम्मीद बेहद कम है. 


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