महीनों से पेट्रोल-डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि अब ईंधन के भाव में गिरावट की उम्मीद कर रहे आम लोगों को राहत मिल सकती है. मीडिया के एक हलके में दावा किया जा रहा है कि सरकार डीजल और पेट्रोल के भाव कम करने पर विचार कर रही है. इन खबरों के सामने आने के बाद आज सप्ताह के अंतिम दिन तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है.


सरकार दाम में कटौती पर कर रही है चर्चा


बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल के भाव में आई हालिया गिरावट से तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है. प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ने से सरकारी तेल कंपनियां इस स्थिति में पहुंच गई हैं कि वे आम लोगों को डीजल और पेट्रोल के भाव पर कुछ राहत प्रदान कर सकें. रिपोर्ट के अनुसार, इसे लेकर इंटर-मिनिस्ट्रियल डिस्कशन चल रहा है. अधिकारी वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलावों पर नजरें बनाए हुए हैं.


6 महीने पहले हुआ था आखिरी बार बदलाव


डीजल और पेट्रोल के दाम में लगभग 6 महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने ग्राहकों को 14 मार्च 2024 को आखिरी बार राहत दी थी. उस समय लोकसभा चुनाव के ऐलान से ऐन पहले डीजल और पेट्रोल के दाम में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी. कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल 94.72 रुपये लीटर और डीजल 87.62 रुपये लीटर पर आ गया था.


इस सप्ताह कच्चे तेल में आई भारी गिरावट


वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के भाव में इस दौरान बड़ी गिरावट आई है. सिर्फ इस सप्ताह ब्रेंट क्रूड का भाव करीब 8 फीसदी गिरा है, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के भाव में लगभग 6 फीसदी की गिरावट है. आज ब्रेंट क्रूड 73 डॉलर से नीचे और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे ट्रेड कर रहा है. यह कच्चे तेल का बीते 9 महीने में सबसे निचला स्तर है.


कमजोर है कच्चे तेल का आउटलुक


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के भाव में और गिरावट की उम्मीद की जा रही है. अमेरिका में सुस्त आर्थिक आंकड़ों ने कच्चे तेल के भाव को नरम किया है. दूसरी ओर ओपेक प्लस यानी कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले प्रमुख देश उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि फिलहाल वे उत्पादन बढ़ाने की योजना को अक्टूबर-नवंबर तक टालने के लिए सहमत हुए हैं. कुल मिलाकर आने वाले महीनों में कच्चे तेल का आउटलुक कमजोर नजर आ रहा है.


कई राज्यों में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव


घरेलू मोर्चे पर देखें तो लोकसभा चुनाव से पहले तेल के दाम में कटौती के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. उसके बाद अब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस कारण डीजल-पेट्रोल के दाम में एक बार फिर से कटौती की उम्मीद बढ़ गई है. इस तरह की खबरें आने का असर आज तेल विपणन कंपनियों के शेयरों पर हुआ है. एचपीसीएल, बीपीसीएल और इंडियन ऑयल जैसे शेयर दाम में कटौती की खबर के बाद 2 फीसदी से ज्यादा लुढ़के हुए हैं.


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