Petrol-Diesel Price Cut: आने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावी लाभ के लिए मोदी सरकार के पेट्रोल डीजल सस्ता करने के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमतों ने यूटर्न ले लिया है और ये फिर से 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने की तैयारी में है. ऐसे में पेट्रोल डीजल के सस्ते होने की संभावना फिलहाल खत्म होती नजर आ रही है वहीं आशंका जताई जा रही है कीमतों में और भी तेजी आने वाले दिनों में आ सकती है.
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 9 महीने के हाई पर जा पहुंचा है. ब्रेंट क्रूड के दाम 88.72 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा है. वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड 85.50 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. कच्चे तेल का उत्पादन करने देश सप्लाई में कटौती जारी रख सकते हैं जिसके चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी देखने को मिली है. सऊदी अरब (Saudi Arabia) और रूस (Russia) कच्चे तेल के उत्पादन को घटा सकते हैं. रूस ओपेक देशों के उत्पादन घटाने और एक्सपोर्ट में कमी करने को लेकर सहमत हो चुका है. जिसकी घोषणा इस हफ्ते किए जाने की उम्मीद है. यही वजह हे कि कच्चे तेल के दाम 9 महीने के हाई पर जा पहुंचा है.
महंगाई से राहत दिलाने का भरोसा
पिछले हफ्ते रक्षा बंधन पर मोदी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती करने का फैसला कर आम लोगों को महंगाई से राहत देने की कोशिश की थी. सभी एलपीजी ग्राहकों के लिए सिलेंडर की कीमत को 1103 रुपये से घटाकर 903 रुपये कर दिया गया. जबकि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 400 रुपये सस्ते यानि 703 रुपये में सिलेंडर मिल रहा है. एलपीजी की कीमतों में कटौती के बाद सरकार की तरफ से आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दाम घटाने के संकेत मिल रहे थे. वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाने का भरोसा दिया था. जिसके बाद सस्ते पेट्रोल डीजल की उम्मीद बंधने लगी थी.
पेट्रोल डीजल फिलहाल सस्ता नहीं!
लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में तेज उछाल के बाद सरकार के पेट्रोल डीजल के दाम घटाने की योजना पर पानी फिर सकता है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर 8 से 9 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हुआ है. पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद दूसरी तिमाही में मुनाफे में कमी आ सकती है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों के 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आने से पेट्रोल डीजल की कीमतों में किसी भी प्रकार की कटौती की उम्मीद फिलहाल के लिए खत्म होती नजर आ रही है.
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