Crude Oil Price: भारत के लिए बुरी खबर है. कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल को पार करते हुए चार महीने के हाई पर जा पहुंचा है. ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइस 81 डॉलर प्रति बैरल के पार ट्रेड कर रहा है. अमेरिका ने रूस की तेल उत्पादक कंपनियों और तेल ले जाने वाले जहाजों पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका का मानना है कि रूस, भारत और चीन जैसे देशों को सस्ता क्रूड ऑयल और गैस बेचकर यूक्रेन के साथ जारी युद्ध की फडिंग कर रहा है. 


रूस के Crude Oil एक्सपोर्ट पर अमेरिका ने चलाया चाबुक!


सोमवार 13 जनवरी 2025 को इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में उबाल देखने को मिल रहा है. क्रूड ऑयल प्राइस 27 अगस्त 2024 को बाद पहली बार 81.44 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है. कच्चे तेल के दामों में आया ये उछाल अमेरिका के उस फैसले के चलते आया है जिसमें अमेरिकी ट्रेजरी ने रूसी तेल उत्पादकों गैजप्रोम नेफ्ट (Gazprom Neft) और Surgutneftegas के साथ-साथ रूसी तेल ले जाने वाले 183 जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिए. ये जहाज रूस से तेल ले जा रहे थे. अमेरिका का मानना है कि इस तेल को बेचकर रूस यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध की फडिंग कर रहा है. 


भारत को रूस से नहीं मिलेगा सस्ता तेल!


अमेरिका के इस फैसले का बड़ा असर भारत और चीन पर पड़ सकता है. 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के साथ कच्चे तेल और नेचुरल गैस के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत और चीन ने मौके का फायदा उठाते हुए सस्ते दामों पर रूस के क्रूड ऑयल खरीदा. लेकिन अमेरिका के ताज फैसले के बाद रूस से सस्ता तेल इंपोर्ट करना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में भारत को ऊंचे दामों पर खाड़ी के देशों, अफ्रीकी और अमेरिका से कच्चा तेल खरीदना होगा. इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में तेजी देखने को मिल रही है. 


अब कैसे कम होगी पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 


कच्चे तेल की कीमतों में आ रही ये तेजी यहीं नहीं थमी तो भारत के लोगों को महंगाई का झटका लग सकता है. एक फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की जो उम्मीद की जा रही है उसपर पानी फिर सकता है. देश की सबसे बड़ी बिजनेस चैंबर सीआईआई ने सरकार को बजट में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को घटाने का सुझाव दिया है जिससे खपत को बढ़ावा दिया जा सके. सीआईआई के मुताबिक, ईंधन की ज्यादा कीमतों के चलते महंगाई बढ़ती है और एक्साइज ड्यूटी के घटाने से महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी साथ ही लोगों के डिस्पोजेबल इनकम में भी बढ़ोतरी आएगी. लेकिन कच्चे तेल के दामों में उबाल के बाद सरकार इन डिमांड पर गौर करेगी इसकी उम्मीद अब बेहद कम नजर आ रही है.  


ये भी पढ़ें 


Budget 2025: पेट्रोल-डीेजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने की मांग, टैक्सपेयर्स को मिले टैक्स की मार से राहत!