Petrol Diesel Price Hike Likely: महंगाई का लगेगा करंट, 7 मार्च 2022 के बाद से बढ़ सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
Petrol Diesel Price Hike Update: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर का मतदान 7 मार्च को खत्म होने जा रहा है. जिसके बाद सरकार तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने की हरी झंडी दे देगी
Petrol Diesel Price Hike: 7 मार्च 2022 के बाद से आम लोगों की जेब पर डाका डलने वाला है. क्योंकि 7 मार्च के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में आग लगने वाली है. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के तहत आखिरी दौर का मतदान 7 मार्च को खत्म होने जा रहा है. जिसके बाद सरकारी सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने की हरी झंडी दे देगी जिसके बाद तेल कंपनियों दाम बढ़ाना शुरू कर देंगी. तेल कंपनियां सामान्य मार्जिन हासिल करने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम में नौ रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी कर सकती हैं.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 110 ड़ॉलर प्रति बैरल के बार जा पहुंचा है जो 8 सालों में सबसे उच्चतम स्तर है. रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया है. पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के मुताबिक, भारत जो कच्चा तेल खरीदता है उसके दाम एक मार्च को 102 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गए. ईंधन का यह मूल्य अगस्त 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं.
पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी. ब्रोकरेज कंपनी जे.पी. मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘अगले हफ्ते तक राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हो जाएंगे. अनुमान है कि इसके बाद ईंधन की दरें दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं. उत्तर प्रदेश मे सातवें और अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को होगा तथा उत्तर प्रदेश समेत सभी पांच राज्यों के लिए मतगणना 10 मार्च को होनी है।
कच्चे तेल के दाम चढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल और डीजल पर 5 से 7 रुपये प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है. जे.पी. मॉर्गन के मुताबिक तेल कंपनियों को सामान्य विपणन मुनाफा प्राप्त करने के लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता है. घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतों में लगातार 118 दिन से कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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