Petrol Diesel Price Update: भारत में महंगे पेट्रोल और डीजल की कीमतों ( Costly Petrol Diesel Price ) से आम लोगों को राहत मिलेगी या उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी इसे लेकर आज बड़ा फैसला ( Big Decision) हो सकता है. दरअसल दुनियाभर के तेल उत्पादक देशों ( Oil Producing Nations) के ग्रुप ओपेक प्लस ( Opec+ ) की मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक है जिसमें कच्चे तेल ( Crude Oil) के उत्पादन ( Production) को बढ़ाने को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है.
बढ़ सकता है कच्चे तेल का तेल का उत्पादन
माना जा रहा है कि कच्चे तेल के उत्पादन में 4 लाख डॉलर बैरल प्रति दिन उत्पादन बढ़ाने को मंजूरी दी जा सकती है. ओपेक प्लस ( Opec+)देशों का मानना है कि कोरोना वायरस ( Covid 19) के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ( Omicron) का कच्चे तेल की मांगों पर बहुत ज्यादा असर नहीं देखा जा रहा है. ऐसे में मांग में बहुत ज्यादा कमी के आसार बेहद कम हैं इसलिए ओपेक प्लस ( Opec+) कच्चे तेल की मांग को पूरा करने के लिए फरवरी 2022 से कच्चे तेल का उत्पादन में इजाफा कर सकती है.
मार्च 2020 में कोरोना महामारी में उत्पादन घटाया गया
दरअसल मार्च 2020 में ओपेक प्लस ( Opec+) देशों में कोरोना महामारी ( Corona Pandemic) के मद्देनजर के दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल की मांगों में भारी कमी के बाद 10 मिलियन बैरल उत्पादन में कटौती कर दी गई थी. हालांकि अगस्त महीने से इसे दोबारा बहाल किया जा रहा है. अबतक 5.8 मिलियन बैरल उत्पादन में कटौती को बहाल किया जा चुका है अब 4 लाख बैरल कच्चे तेल के उत्पादन को फरवरी महीने से बहाल किया जा सकता है जिसपर फैसला लिया जाएगा.
कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ने से भारत को फायदा
अगर कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी का फैसला हुआ तो इसके सबसे बड़ा फायदा भारत होगा जहां लोग महंगे पेट्रोल डीजल की कीमतों से परेशान हैं. कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ने से कीमतों में कमी आएगी जिससे भारत में पेट्रोल डीजल सस्ता हो सकता है. आपको बता दें अमेरिका और भारत समेत कई देश ओपेक प्लस देशों से कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ाने की मांग करते आए हैं. कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. आपको बता दें ओपेक प्लस 23 देशों का संगठन है जिसका नेतृत्व सऊदी अरब और रूस करता है.