Petrol Diesel: क्रूड 6 महीने के निचले रेट पर, आपको सस्ता पेट्रोल-डीजल क्यों नहीं मिल रहा? ये है वजह
Petrol Diesel Rate: क्रूड उत्पादक देशों के संगठन ओपेक+ के उत्पादन में कटौती जैसे कदमों के बाद भी तेल कीमतों में गिरावट आई है लेकिन इससे भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं है.
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Petrol Diesel Rate: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं, लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने लागत में बढ़ोतरी की बावजूद करीब पांच माह तक नुकसान झेलते हुए पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी.
क्रूड के दाम में दिखी गिरावट
मंदी की आशंका के बीच फरवरी की शुरुआत के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड पिछले हफ्ते 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. उसके बाद से यह कुछ सुधार के साथ 92.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जो छह महीने का निचला स्तर है. रूस द्वारा नॉर्थ स्ट्रीम पाइपलाइन को बंद रखने और कच्चे तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके सहयोगियों (ओपेक +) के उत्पादन में कटौती जैसे कदमों के बावजूद कीमतों में गिरावट आई है. हालांकि, इससे भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. रिकॉर्ड 158 दिन से पेट्रोल और डीजल कीमतों में बदलाव (फ्रीज) नहीं हुआ है.
केंद्रीय मंत्री ने बताई पेट्रोल डीजल सस्ता ना होने की वजह
पेट्रोलियम कीमतों में बदलाव नहीं होने के सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में तेजी की वजह से दाम नहीं बढ़ाने के चलते जो नुकसान हुआ था, उसकी वजह से अब ये कंपनियां कीमतें नहीं घटा रही हैं. उन्होंने कहा, "जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें ऊंची थीं, हमारी (पेट्रोल और डीजल) कीमतें पहले ही कम थीं. "क्या हमने अपने सारे नुकसान की भरपाई कर ली है?" हालांकि, उन्होंने छह अप्रैल से दरों को स्थिर रखने से हुए नुकसान के बारे में विस्तार से नहीं बताया.
कच्चा तेल किन रेट पर हो रहा है आयात
भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था. अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल और उसके बाद के महीने में यह 109.51 डॉलर प्रति बैरल था. जून में यह 116.01 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. जुलाई से अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आना शुरू हुई. उस समय भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का औसत भाव 105.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. अगस्त में यह 97.40 डॉलर प्रति बैरल और सितंबर में अबतक 92.87 डॉलर प्रति बैरल पर है.
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