Petrol Diesel Rates: देश में आम जनता पेट्रोल-डीजल की मौजूदा कीमतों पर खुश नहीं है और लगातार सरकार से इन कीमतों पर राहत की आस लगाए रखती है. अब जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम पहले के मुकाबले सस्ते हैं तो देश में भी पेट्रोल-डीजल जैसे फ्यूल के रेट घटाने की मांग हो रही है. अब आपके लिए ऐसी खबर आई है कि आपको पेट्रोल-डीजल के रेट पर राहत मिलने के संकेत नजर आ रहे हैं. दरअसल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम में जो गिरावट आई है, उसके आधार पर घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम 2-3 रुपये प्रति लीटर घटाने की संभावना है, ऐसा रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक नोट में कहा है. 


इक्रा ने अपने नोट में कहा है कि इंटरनेशनल मार्केट में सितंबर में क्रूड के दाम 74 रुपये पर बैरल तक आ चुके हैं और जो कि मार्च के 83-84 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले काफी कम हैं. अगर ऐसा ही रहता है और कच्चे तेल के दाम नीचे बने रहते हैं तो घरेलू ऑयल मार्केटिंग कंपनियां 2 रुपये से लेकर 3 रुपये तक फ्यूल के दाम घटा सकती हैं. आम ग्राहकों के लिए ये फैसला उनकी जेब पर बढ़े बोझ को कुछ कर सकता है. 


क्यों इक्रा ने कही ये बात


इक्रा के मुताबिक क्रूड में दिखी हालिया गिरावट से भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) अच्छे मार्जिन पर बैठी हैं. सरकारी नियंत्रण वाली इन ओएमसीज को इस समय पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने पर नुकसान नहीं होगा क्योंकि वो पहले ही मुनाफे में आ चुकी है और इनको अब इस मुनाफे को राहत के रूप में ग्राहक के पास भेजना चाहिए.


इक्रा ने क्या कहा है


इक्रा का अनुमान है कि 17 सितंबर, 2024 तक इंटरनेशनल प्रोडक्ट प्राइस की तुलना में इन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल हासिल करने पर रिकवरी 15 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 12 रुपये प्रति लीटर ज्यादा रही है. 


क्यों तेल के दाम घटाने की है गुंजाइश


बता दें कि मार्च, 2024 से फ्यूल के रिटेल प्राइस बिना बदलाव के स्थिर बने हुए हैं. लोकसभा चुनावों के कुछ समय पहले 15 मार्च 2024 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी. इक्रा के मुताबिक जब फ्यूल के रेट एकसमान बने हुए हैं. अगर ये ही स्थिति जारी रहती है तो पेट्रोल-डीजल के रेट दो से तीन रुपये प्रति लीटर तक घटाने में कोई परेशानी नही होनी चाहिए. तेल कंपनियों जो पेट्रोल-डीजल की 1 रुपये प्रति लीटर के मार्केट गेन (बाजार लाभ) से 0.9 डॉलर प्रति बैरल के GRM को पाटने में सक्षम हैं.  


क्यों घट रहे हैं कच्चे तेल के दाम


अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन काफी ऊंचा है और जियो-पॉलिटिकल टेंशन के कारण कमजोर वैश्विक ग्रोथ के कारण क्रूड ऑयल के दाम में पिछले कुछ महीनों में भारी गिरावट देखी गई है. इसके अलावा ओपेक और ओपेक+ देशों ने अपने क्रूड प्रोडक्शन में कटौती को वापस लेने के अपने फैसले को दो महीने के लिए आगे बढ़ा दि है. इसके चलते कच्चा तेल सस्ता हो रहा है. 


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