नई दिल्लीः संसद में 31 जनवरी से बजट सत्र चल रहा है और नोटबंदी समेत कई अहम मामलों पर सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब दे रही है. इसी मामले में सरकार ने आज कहा कि साल 2013 के मुकाबले आज पेट्रोल सस्ता है और सरकार ने आधारभूत ढांचे और कल्याण योजनाओं पर खर्च किए जाने वाला धन भी बढ़ा दिया गया है.
इसने कहा कि एक्साइज ड्यूटी और भारतीय रुपये की कीमत में गिरावट उन कारणों में शामिल हैं जिनकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कमी का फायदा रिटेल बाजार में दिखाई नहीं दे पा रहा है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि साल 2013 के मुकाबले आज पेट्रोल की कीमत कम है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही हैं जिससे देश के क्रूड बास्केट की कीमत भी घटी है. लिहाजा पूरे विश्व समेत भारत में भी पेट्रोलियम प्रोडेक्ट्स की कीमतों में कमी आ रही है.
राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2014 में कीमत 73 रुपये 60 पैसे प्रति लीटर थी, जबकि जनवरी 2017 में यह 71 रुपये प्रति लीटर है. वहीं इन 2 सालों में पेट्रोल की कीमतें काफी नीचे भी गई हैं जिसका फायदा देश के नागरिकों को दिया गया है. हालांकि सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है लेकिन अगर कच्चे तेल की कीमतें बहुत ऊपर जाएंगी तो सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाकर देश में तेल सस्ता करने के विकल्प पर भी विचार करेगी जिससे नागरिकों को सस्ता तेल मुहैया कराए जाए सके.
मंत्री ने कहा कि आधारभूत ढांचे, सार्वजनिक योजनाओं और शिक्षा पर खर्च किया जाने वाला धन बढ़ा दिया गया है. इस तरह सरकार सभी मोर्चें पर कल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही हैं.