नई दिल्लीः देश में पेट्रोल के दाम अधिकांश राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर हैं और बीते दिनों में तो डीजल के दामों में भी ऐसा उछाल आया कि आम से लेकर खास तक सभी परेशान हो गए. पेट्रोल-डीजल को लेकर ये हमेशा सुना जाता है कि विदेशों में कच्चे तेल के दाम कम होंगे तभी देश में सस्ता पेट्रोल-डीजल मिलने की राह खुलती है. हालांकि पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं लेकिन फिर भी भारत में फ्यूल सस्ता नहीं हो रहा. यहां पर हम बताएंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है और आगे भी पेट्रोल-डीजल के दाम सस्ते होने के लिए कौनसी कंडीशन का पूरा होना जरूरी है.
भारत में क्या हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
दरअसल देश में पिछले 25 दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं आया है हालांकि कच्चा तेल निर्यात करने वाले देशों से लगातार ब्रेंट क्रूड के सस्ते होने की खबर आ रही है. ऐसे में देश में ईंधन कब सस्ता होगा ये सवाल पूछा जा रहा है. IOCL की वेबसाइट के मुताबिक, आज देश की राजधानी नई दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 103.97 रुपये और डीजल का भाव 86.67 रुपये पर है.
कब और कैसे घटेंगे देश में फ्यूल के दाम
वैश्विक तौर पर अगर कच्चे तेल के दाम कुछ और दिन तक निचले स्तर पर बने रहते हैं तभी भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचे आएंगी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि घरेलू स्तर पर खुदरा कीमतें 15 दिन के 'रोलिंग' ऐवरेज के बेस पर तय की जाती हैं. ऐसे में ग्लोबल स्तर पर कीमतों में लगातार गिरावट के बाद ही यहां दाम घटेंगे.
क्या चल रहे हैं क्रूड के दाम
ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें नवंबर में (25 नवंबर तक) मोटे तौर पर लगभग 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रही हैं. इसी बीते शुक्रवार को कच्चे तेल का दाम करीब चार डॉलर प्रति बैरल और कम हो गया. उसके बाद ब्रेंट फ्यूचर्स में बिकवाली से लंदन के ICE में इसकी कीमत छह डॉलर और घटकर 72.91 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई. हालांकि सूत्रों ने कहा कि यह कोविड के नए वेरिएंट ओमीक्रोम की वजह से पैदा हुए डर की वजह से घटने का अनुमान है.
क्यों नहीं घटाए IOCL, BPCL और एचपीसीएल ने फिलहाल दाम
देश की सरकारी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) रोजाना के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव करती हैं. लेकिन यह संशोधन या बदलाव पिछले पखवाड़े में ऐवरेज बेंचमार्क इंटरनेशनल रेट के हिसाब से होता है. इसलिए आज रविवार को पेट्रोल-डीजल की कीमत पिछले 15 दिन के औसत से तय हुई है.
क्या है सूत्रों का कहना
एक और सूत्र के मुताबिक मिली जानकारी के मुताबिक 'शुक्रवार को दरों में गिरावट से यह उम्मीद बन रही थी कि पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल के दाम घटेंगे. लेकिन रिटेल प्राइस ऐसे तय नहीं होते है. चूंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें नवंबर के ज्यादातर दिनों में सीमित दायरे में रही हैं, ऐसे में शुक्रवार को आई गिरावट से ऐवरेज प्राइस पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.
एक और सूत्र ने कहा कि 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब कीमतों में गिरावट कुछ और दिन बनी रहेगी, तभी यहां पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे आएंगे'. हाल में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित भारत जैसे प्रमुख तेल की खपत वाले देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को कम करने की संयुक्त कोशिशों के तहत अपने स्ट्रेटेजिक रिजर्व से कच्चे तेल को रिलीज करने का एलान किया था लेकिन इन घोषणाओं का भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है.
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