Petrol Sales Increased: मई में पेट्रोल की बिक्री में 56 फीसदी का उछाल, डीजल, ATF और रसोई गैस की बिक्री का ऐसा रहा हाल
Petrol Sales Increased: देश में मई में पेट्रोल, डीजल, ATF की खपत में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है. इसकी कई वजह हैं और इनके बारे में आप यहां जान सकते हैं.
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Petrol Sales Increased: देश में पेट्रोल और डीजल की बिक्री मई में काफी तेजी से बढ़ी है. बढ़ती गर्मी और शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां पड़ने की वजह से लोगों का दूसरे शहरों के सफर पर निकलना है. इसके अलावा कोविड महामारी के थमने के बाद इंडस्ट्रियल और आर्थिक गतिविधियां सामान्य स्तर पर आने की वजह से भी देश में फ्यूल
की खपत बढ़ी है.
मई में पेट्रोल की बिक्री 28 लाख टन रही
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के रिटेल ईंधन बिक्री के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक मई में पेट्रोल की बिक्री 28 लाख टन रही जो पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 55.7 फीसदी ज्यादा है. पिछले साल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा था. रिटेल फ्यूल बिक्री कारोबार में सरकारी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है.
जानें पिछले आंकड़ों के मुकाबले पेट्रोल की कितनी बढ़ी बिक्री
आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने की खपत मई, 2020 की मांग के मुकाबले 76 फीसदी जबकि कोविड-पूर्व स्तर मई, 2019 के 25 लाख टन की तुलना में 12 फीसदी अधिक है. मासिक आधार पर बिक्री 8.2 फीसदी बढ़ी.
डीजल की कितनी बढ़ी बिक्री
देश में सबसे ज्यादा खपत वाले फ्यूल डीजल की बिक्री मई में सालाना आधार पर 39.4 फीसदी उछलकर 68.2 लाख टन रही. यह इस साल अप्रैल के 67 लाख टन के मुकाबले 1.8 फीसदी ज्यादा है. हालांकि यह मई, 2019 के मुकाबले 2.3 फीसदी कम है.
स्कूलों में छुट्टियों की वजह से यात्राएं बढ़ने से बढ़ी पेट्रोल की बिक्री
इंडस्ट्री सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने उच्च कीमतों के बाद दाम कम होने से मई में खपत बढ़ी है. इसके अलावा कमजोर तुलनात्मक आधार से भी बिक्री ज्यादा रही है. अप्रैल महीने में खपत में कमी का कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 रुपये लीटर की बढ़ोतरी रही. चार महीने के अंतराल के बाद फ्यूल के दाम बढ़ाये गये थे. हालांकि, मांग बढ़ने का एक बड़ा कारण गर्मी बढ़ने और स्कूलों में छुट्टी के साथ लोगों की यात्रा में बढ़ोतरी है.
रसोई गैस की बिक्री मामूली रूप से बढ़ी
रसोई गैस की बिक्री मामूली 1.48 फीसदी बढ़कर 21.9 लाख टन रही. यह मई, 2020 में हुई खपत के मुकाबले 4.8 फीसदी कम है. इसका कारण यह है कि उस समय सरकार ने ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से लोगों को राहत देने के लिये गरीब परिवारों एलपीजी सिलेंडर नि:शुल्क उपलब्ध कराया था. एलपीजी की खपत मई, 2019 के मुकाबले 7.6 फीसदी अधिक, लेकिन अप्रैल, 2022 के 22.1 लाख टन के मुकाबले मामूली रूप से कम है.
ATF की बिक्री का हाल जानें
जेट फ्यूल की बिक्री मई महीने में दोगुना से अधिक होकर 5,40,200 टन रही. इसका कारण दो साल बाद विमानन क्षेत्र का पूरी से तरह से परिचालन में आना है. विमान ईंधन (एटीएफ) की खपत मई, 2020 के मुकाबले 401 फीसदी अधिक रही लेकिन कोविड-पूर्व स्तर मई, 2019 के 6,44,000 टन के मुकाबले 16.1 फीसदी कम है. मासिक आधार पर बिक्री 7.5 फीसदी बढ़ी.
पिछले साल मई में देश में लॉकडाउन की स्थिति थी
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च, 2020 को देशव्यापी 'लॉकडाउन' लगाया था. इससे आवाजाही पर असर आने के साथ कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुईं. ‘लॉकडाउन’ में दो महीने बाद धीरे-धीरे ढील दी गयी.
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