कोविड-19 ने देश के करोड़ों नौकरी पेशा लोगों के सामने संकट खड़ा कर दिया है. असंगठित क्षेत्र के अलावा संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर भी आर्थिक दबाव बढ़ने लगा है. इसका सबूत यह है कि लोग नौकरी छूटने और तनख्वाह में कटौती की वजह से अपनी जरूरतें पूरी करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. मजबूर होकर उन्हें भविष्य निधि के तौर पर सुरक्षित प्रॉविडेंट फंड के पैसे में हाथ डालना पड़ रहा है.


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के आंकड़े इसके गवाह हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा है कि इसने लॉकडाउन के दौरान पिछले दो महीनों के दौरान पीएफ के 36.02 लाख क्लेम निपटाए हैं. इन दावों के निपटारे के जरिये इसने 11,540 करोड़ रुपये जारी किए हैं.


बढ़ते जा रहे हैं पीएफ क्लेम


श्रम मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में पीएफ के क्लेम बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन विभाग निकासी को आसान बनाने और बेहतर सर्विस देने की पूरी कोशिश कर रहा है. विभाग ने कहा है लॉकडाउन की पाबंदियों के बावजूद ईपीएफओ ने 36.02 लाख दावों का निपटारा किया. यह विभाग की मुस्तैदी को दर्शाता है.


बयान में कहा गया है कि इनमें से 15.54 लाख दावे कोरोनावायरस संक्रमण से पैदा हुई स्थिति में लोगों को पीएफ निकालने के लिए मिली नियमों में छूट के तहत निपटाए गए हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों को पीएफ निकालने के नियमों में छूट मिली थी. नए नियमों के तहत EPFO ने कर्मचारियों को PF एडवांस निकालने की छूट  दी है. इस नियम के मुताबिक कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 75 फीसदी या अधिकतम तीन महीने की सैलरी निकाल सकते हैं. इसे दोबारा जमा करने की जरूरत नहीं है. देश में कोरोनावायरस संक्रमण बढ़ने की वजह से आर्थिक गतिविधियों में भारी रुकावट आई है. इसे देखते हुए आने वाले दिनों में पीएफ निकासी के लिए और अधिक लोग आवेदन कर सकते हैं.