कोरोना काल में फार्मा कंपनियों की खासी कमाई हो रही है. कोरोना वैक्सीन के मोर्चे पर मिल रही सफलता के बाद मॉर्डना, फाइजर, एस्ट्रा जेनेका समेत कई भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में खासी बढ़त दर्ज की गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आपको फार्मा सेक्टर के फंड में निवेश करना चाहिए. कई फार्मा फंड्स ने दहाई अंक में रिटर्न दिया है. लिहाजा निवेशकों में इसे लेकर काफी उत्सुकता है. आम निवेशकों का एक बड़ा हिस्सा फार्मा फंड में निवेश की ओर अपना रुझान बढ़ा सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि फंड निवेशकों के लिए क्या फार्मा फंड का निवेश मुफीद हो सकता है. क्या फार्मा फंड आपके पोर्टफोलियो का हिस्सा हो सकते हैं.
रिटेल निवेशक, फार्मा फंडों से रहें दूर
विशेषज्ञों का कहना है कि सेक्टर फंड, जैसे फार्मा फंड आम निवेशकों के लिए मुफीद नहीं होते. सेक्टोरल फंड में अर्थव्यवस्था के मुताबिक भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. चूंकि सेक्टोरल फंड को अपना 80 फीसदी निवेश संबंधित सेक्टर में ही करना होता है इसलिए आम निवेशकों को इससे दूर ही रहना चाहिए. सेक्टर फंड बड़े और जानकार निवेशकों के लिए बेहतर हो सकते हैं. ये उनके पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से अच्छी रणनीति हो सकती है लेकिन रिटेल निवेशकों के लिए इनकी सिफारिश नहीं की जा सकती क्योंकि उनके लिए सेक्टोरल फंड में भारी उतार-चढ़ाव के दौर में इससे निकलना और फिर इनमें घुसना मुश्किल हो जाता है.
अच्छे डाइवर्सिफाइड फंड में करें निवेश
रिटेल निवेशकों के लिए सबसे अच्छी रणनीति तो यह है कि वह अच्छे डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश करें. पिछले एक साल के दौरान फार्मा फंडों ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इससे पहले के वर्षों में इसका प्रदर्शन खराब रहा है. साफ है कि सेक्टर में भारी उतार-चढ़ाव इन पर आधारित फंडों को प्रभावित करता है.
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