UPI Transactions: यूपीआई पर विदेशी कंपनियों का दबदबा, संसदीय समिति ने की घरेलू कंपनियों को सपोर्ट की सिफारिश
PhonePe and Google Pay: संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भीम एप सिर्फ 0.22 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. सरकार को डिजिटल पेमेंट मार्केट में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना चाहिए.
![UPI Transactions: यूपीआई पर विदेशी कंपनियों का दबदबा, संसदीय समिति ने की घरेलू कंपनियों को सपोर्ट की सिफारिश phonepe and google pay are dominating upi payments government should support domestic companies says parliamentary panel UPI Transactions: यूपीआई पर विदेशी कंपनियों का दबदबा, संसदीय समिति ने की घरेलू कंपनियों को सपोर्ट की सिफारिश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/10/929ca47a02bed327039d1ea461b39cf61707504772424885_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
PhonePe and Google Pay: देश में हो रहे यूपीआई ट्रांजेक्शन पर फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) जैसे एप का दबदबा है. देश के डिजिटल पेमेंट्स मार्केट में इन कंपनियों की लगभग 83 फीसदी हिस्सेदारी है. इन दोनों ही फिनटेक कंपनियों का मालिकाना हक विदेशी हाथों में है. अब इन दोनों कंपनियों के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है. एक संसदीय समिति ने सरकार को डिजिटल पेमेंट सेक्टर में घरेलू फिनटेक कंपनियों को सपोर्ट करने की सिफारिश की है.
विदेशी कंपनियों के पास मालिकाना हक से चिंता
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में विदेशी कंपनियों के मालिकाना हक वाले डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म पर चिंता जताई है. समिति ने कहा है कि सरकार को इन एप के विकल्प तलाशने की कोशिश करनी चाहिए. साथ ही देसी कंपनियों को इस सेक्टर में आगे बढ़ने के मौके उपलब्ध कराने चाहिए. समिति की यह 58 पन्नों की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब पेटीएम पेमेंट्स बैंक आरबीआई की कड़ी कार्रवाई का सामना कर रही है. उसकी बैंकिंग सेवाएं रोक दी गई हैं. इसके चलते पेटीएम के सामने कई मुसीबतें खड़ी हुई हैं.
भीम यूपीआई की हालत खस्ता
संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, फोनपे के पास यूपीआई मार्केट में नवंबर, 2023 तक 46.91 फीसदी हिस्सेदारी थी. गूगल पे भी 36.39 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर मजबूती से बना हुआ है. देश में ही विकसित भीम यूपीआई (BHIM UPI) के पास बाजार में सिर्फ 0.22 फीसदी की हिस्सेदारी है. यही वजह है कि यूपीआई ट्रांजेक्शन वैल्यू के मामले में भी फोनपे और गूगल पे बाजी मार ले जाते हैं.
बाजार हिस्सेदारी की लिमिट 30 फीसदी हो
यूपीआई पेमेंट्स नेटवर्क का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी हाल ही में इस दबदबे पर चिंता जताई थी. एनपीसीआई चाहती है कि बाजार हिस्सेदारी की मैक्सिमम लिमिट 30 फीसदी कर दी जाए. पहली बार एनपीसीआई ने यही कोशिश 2020 में की थी. वह चाहती है कि फिनटेक सेक्टर में भी मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाए.
पेटीएम के खिलाफ एक्शन से हो रहा लाभ
आरबीआई के सख्त एक्शन के चलते पेटीएम के उपभोक्ता घटते जा रहे हैं. दूसरी तरफ हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फोनपे, भीम एप और गूगल पे के डाउनलोड तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इसके अलावा पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ हुई कार्रवाई से एयरटेल पेमेंट्स बैंक को भी फायदा हुआ है.
ये भी पढ़ें
Hero MotoCorp: हीरो मोटो कॉर्प को जबरदस्त मुनाफा, प्रति शेयर 100 रुपये डिविडेंड देने का ऐलान
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)