Walmart Tax Payment: डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे के मुख्यालय को भारत में शिफ्ट कर लिया है. इस कंपनी का मुख्यालय पहले सिंगापुर में था. कंपनी को अपना मुख्यालय शिफ्ट करने की वजह से वालमार्ट और अन्य फोनपे के शेयर होल्डरों (Walmart and PhonePe Share Holders) को 100 करोड डॉलर का टैक्स देना होगा. भारतीय करेंसी के अनुसार, करीब 8300 करोड़ रुपये टैक्स भरना होगा.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हेडक्वॉटर शिफ्ट करने के कारण इसकी वैल्यू बढ़ी है, जिस कारण टैक्स की रकम में भी इजाफा हुआ है. PhonePe में मेजोरिटी वालमार्ट की है. क्योंकि फोनपे को फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने खरीदा था और वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट ऑनलाइन सर्विसेज प्राइवेट का अधिग्रहण करने के बाद अधिकांश स्वामित्व ले लिया है.
भारत शिफ्ट होते ही अमेरिकी फर्म ने खरीदी हिस्सेदारी
अमेरिका का निवेश करने वाले फर्म ने भारत में फोनपे का मुख्यालय शिफ्ट होने पर हिस्सेदारी खरीदी है. इस खरीदारी के बाद अब 8000 करोड़ रुपये का टैक्स मौजूदा शेयर होल्डर्स को चुकाने होंगे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनटेक फर्म जनरल अटलांटिक, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और अन्य से 12 बिलियन डॉलर के प्री-मनी वैल्यूएशन पर धन जुटा रही है
PhonePe का प्लान
PhonePe अपना मुख्यालय ऑनलाइन रिटेलर और पूर्व मूल कंपनी Flipkart के समान बैंगलोर में स्थानांतरित कर रहा है. इंडिया ब्रीफिंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2000 से सिंगापुर में 8000 से अधिक भारतीय स्टार्टअप शामिल किए गए हैं. PhonePe ने अपने कारोबार को फैलाने के लिए पूरा प्लान तैयार किया है. फोनपे भारत में शिफ्ट होने के साथ ही अब यह हाई वैल्यूएशन पर फंड जुटाने की कोशिश कर रही है.
फ्लिपकार्ट से अलग हुआ था फोनपे
फोनपे को फ्लिपकार्ट ने 2016 में खरीदा था. हालांकि 2019 में फ्लिपकार्ट और फोनपे को अलग करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन अभी भी इनकी मूल कंपनी वालमार्ट है. फोनपे खुद को फ्लिपकार्ट से अलग यूनिट के रूप में डेवलप करेगा.
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