PIB Fact Check of Pollution Certificate: बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने लोगों को प्रदूषण कंट्रोल सर्टिफिकेट (Pollution Under Control Certificate) बनवाने के लिए सड़क पर ड़ा चलाने वाले हर व्यक्ति को यह पता रहता है कि ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के साथ ही प्रदूषण सर्टिफिकेट (Pollution Certificate) होना बहुत आवश्यक है. इसके बिना अगर आर भारत में किसी भी शहर में गाड़ी चलाते पकड़े गए तो आपको चालान देना पड़ सकता है. ऐसे में यह एक बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट है. ऐसे में इस डॉक्यूमेंट को लेकर एक सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है. इस दावे को देखने के बाद कई लोगों के मन में डर बैठ गया है.
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority) ने 1 नवंबर 2022 से यह नियम बनाया है कि 1 नवंबर 2022 के बाद अगर किसी व्यक्ति के पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है तो आपको एक्सीडेंटल इंश्योरेंस क्लेम नहीं दिया जाएगा.अगर आपने भी सोशल मीडिया पर यह यह मैसेज देखा है तो हम आपको इस दावे की सच्चाई के बारे में बताते हैं.
PIB ने ट्वीट करके बताई सच्चाई-
देश के कई राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में सरकार प्रदूषण सर्टिफिकेट पर विशेष जोर देती है, लेकिन IRDA नो इस तरह कोई आदेश जारी नहीं किया है जिसमें यह कहा गया है कि इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए प्रदूषण सर्टिफिकेट होना जरूरी है. इस वायरल मैसेज का फैक्ट चेक करके प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने बताया है कि यह क्लेम पूरी तरह से फर्जी है. एक्सीडेंट क्लेम करने के लिए पॉलिसी होल्डर को किसी तरह के प्रदूषण सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. IRDAI ने इस तरह का कोई नियम लागू नहीं किया है.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का कोई फैसला जारी नहीं किया है जिसमें एक्सीडेंट क्लेम के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट (PUC Certificate) की अनिवार्यता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार भारत सरकार के 1989 के केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत हर वाहन चालक के पास प्रदूषण सर्टिफिकेट जरूर होना चाहिए. ऐसा न होने की स्थिति में आपको चालान देना पड़ सकता है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट हो जाता है तो उसका पॉलिसी क्लेम से कोई लेना देना नहीं है.
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