डीमैट अकाउंट के बारे में आपने जरूर सुना होगा. लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना होता है.


ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस



  • ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.

  • आजकल ज्यादातर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.

  • इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.


इन बातों की करें जांच



  • डीमैट अकाउंट की फीस, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस.

  • ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है.


अन्य सुविधाएं



  • आपको ब्रोकरेज हाउस क्या-क्या सुविधाएं देगा यह जरूर जान लें.

  • कुछ ब्रोकरेज हाउस इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा के अतिरक्त भी कई प्रकार की अन्य सेवाएं देते हैं.

  • जैसे कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं. यह रिसर्च आपको सही जगह निवेश करने में मदद करती है.


डीमैट और ट्रेडिंग खाता



  • आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं तो यह सबसे अच्छा है.

  • ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है.

  • ध्यान रखें कि डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.

  • ट्रेडिंग खाते के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.


पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी



  • कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते हैं.

  • इससे निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलती है.


कनेक्टिविटी 



  • कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

  • ब्रोकरेज हाउस दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है यह जानना जरूरी है.

  • ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.


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