Railway Concession For Senior Citizen: 18वीं लोकसभा (18th Loksabha) के मानसून सत्र (Monsoon Session)  के दूसरे दिन सीनियर सिटीजंस (Senior Citizens) को पूर्व में रेल किराये ( Rail Fare) पर दी जाने वाली छूट का मामला सदन में उठा. सरकार से सीनियर सिटीजंस को दिए जाने वाले कंसेशन (Concession) को फिर से बहाल करने को लेकर सवाल पूछा गया गया तो रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने स्पष्टता के साथ इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया है. रेल मंत्री ने कहा, रेलवे में सफर करने वाले हर व्यक्ति के किराये पर औसतन 46 फीसदी सरकार सब्सिडी (Subsidy) दे रही है. 


लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसद दीपक देव अधिकारी ने रेल मंत्री से सवाल सवाल पूछा कि क्या कोविड महामारी के दौरान सीनियर सिटीजंस को रेल किराये पर दी जाने वाली सब्सिडी को फिर से बहाल करने की क्या कोई योजना है? इस सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय रेलवे ने रेल सफर करने वाले पैसेंजर्स के टिकट पर 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. उन्होंने कहा, भारतीय रेल, रेलवे में सफर करने वाले हर व्यक्ति पर औसतन 46 फीसदी सब्सिडी या कंसेशन दे रही है. ये सब्सिडी रेल सफऱ करने वाले सभी रेल यात्रियों पर लागू होता है. 


रेल मंत्री ने कहा, रेल यात्रियों के रेल सफर पर दी जाने वाली 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी के अलावा रेलवे, दिव्यांगजन में आने वाले 4 कैटगरी के लोगों, 11 कैटगरी वाले मरीजों और 8 कैटगरी के छात्रों को रेल सफर करने पर रेल किराये पर छूट प्रदान करती है. रेल मंत्री ने कहा, भारतीय रेलवे का मकसद समाज के सभी वर्ग के लोगों को अफोर्डेबल सर्विसेज उपलब्ध कराना है. 


ये पहला मौका नहीं है कि जब रेल मंत्री से सीनियर सिटीजंस को रेल किराये पर दी जाने वाली छूट को बंद करने को लेकर सवाल पूछा गया है. 17 वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान मार्च 2020 में सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान इस छूट को खत्म कर दिया गया था. इसके बाद इसे दोबारा शुरू करने को लेकर सरकार से संसद में कई बार सवाल पूछे गए हैं. लेकिन सरकार सीनियर सिटीजंस को रेल किराये पर दी जाने वाली छूट को फिर से बहाल करने को हमेशा नकारती रही है. 


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