Government Schemes for Startups: भारत का मौजूदा वक्त स्टार्टअप्स युग है. देश बिजनेस और कारोबारियों लिए एक मजबूत पारिस्थितिक तंत्र बन रहा है. भारत अब एक स्टार्टअप हब के तौर पर देखा जाने लगा है, क्योकि इसमें 99 हजार से ज्यादा स्टार्टअप और 30 अरब डॉलर प्राइस की 107 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं.
सरकार ने उभरते बाजार को और मबजूत बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. सरकार का प्लान भारत को विश्व पटल पर सबसे मजबूत बनाना है. स्टार्टअप के लिए तकनीकी सहायता, सब्सिडी, वित्तीय सहायता और अन्य सेवाएं देने के लिए सरकार ने कुछ योजनाएं शुरू की हैं.
अटल इनोवेशन मिशन
इस योजना को 2016 में शुरू की गई थी और इसका लक्ष्य नवाचार को बढ़ावा देना है. अटल इनोवेशन मिशन योजना स्टार्टअप विकास में सहायता करेगा. यह योजना पांच साल में फाइनेंस कंपनियों को करीब 10 करोड़ रुपये का अनुदान देता है. इस योजना का लाभ स्वास्थ्य, एग्रीकल्चर, एजुकेशन, ट्रांसपोर्ट आदि में उठा सकते हैं.
मल्टीप्लायर ग्रांट स्कीम
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने वस्तुओं और सेवाओं के विकास के लिए उद्योगों के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास को सशक्त बनाने के लिए मल्टीप्लायर ग्रांट योजना (एमजीएस) शुरू की है. सरकार दो साल से कम अवधि के लिए हर प्रोजेक्ट पर 2 करोड़ रुपये की अधिकतम राशि देती है.
डेयरी एंटरप्न्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम
पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विभाग ने DEDS योजना शुरू की है, जिसका लक्ष्य डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार पैदा करना है. डीईडीएस योजना सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत और एससी/एसटी से संबंधित के लिए 33.33 प्रतिशत तक की पूंजी प्रोवाइड कराती है.
स्टार्टअप इंडिया
भारत में यह स्कीम सबसे फेमस योजनाओं में से एक है. यह स्कीम का लक्ष्य कारोबारियों को पांच साल से ज्यादा समय तक टैक्स छूट प्रदान करना है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अबतक सरकार ने 114,458 स्टार्टअप को मान्यता दी है. इसके तहत पात्र स्टार्टअप की उम्र सात साल होनी चाहिए.
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