चेन्नईः पेंशन और भविष्य निधि का लाभ पाने के लिए आधार को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ जोड़ने को अनिवार्य बनाने वाले नोटिफिकेशन के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अलीशा एबेनेजर ने याचिका में दावा किया है कि चार जनवरी, 2017 का यह नोटिफिकेशन संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 300 ए का उल्लंघन करने के चलते असंवैधानिक है और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के उलट है जिनमें स्पष्ट किया गया था कि आधार केवल सरकार की समाज कल्याण योजनाओं और सब्सिडी के लिए जरूरी है.
जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार कर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को जवाब देने का निर्देश दिया है.
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि जनवरी, 2017 के नोटिफिकेशन से पहले आधार का इस्तेमाल सिर्फ उन सदस्यों तक सीमित था जिन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो गई है और उन्हें पेंशन जारी रखने के लिए हर साल जीवन प्रमाण-पत्र जमा करना होता था. हालांकि नोटिफिकेशन के मद्देनजर पेंशन योजना के सभी सदस्यों को इस योजना में अपनी सदस्यता को जारी रखने के लिए उनके आधार को यूएएन के साथ जोड़ना जरूरी है.
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