PLI 2.0: पीएलआई स्कीम में इस साल 17 कंपनियां शुरू करेंगी आईटी हार्डवेयर का प्रोडक्शन
IT Hardware: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने बताया कि 7 कंपनियां पिछले साल ही प्रोडक्शन शुरू कर चुकी हैं. इसके साथ ही इंडिया एआई मिशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.
IT Hardware: केंद्र सरकार की पीएलआई स्कीम 2.0 के तहत इस साल लगभग 17 कंपनियां आईटी हार्डवेयर का उत्पादन शुरू करने की तैयारी में हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत योग्य पाई गईं 27 कंपनियों में से 7 ने पिछले साल ही प्रोडक्शन शुरू कर दिया था. इस साल इनमें से 17 अपना प्रोडक्शन शुरू करेंगी. इसके अलावा 2 अगले साल उत्पादन शुरू करने की तैयारी में हैं.
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के मिल रहे अच्छे नतीजे
केंद्र सरकार को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) के अच्छे नतीजे मिले थे. इसके चलते इस स्कीम को दोबारा से लाया गया है. एस कृष्णन शुक्रवार को फरीदाबाद में नेटवेब टेक्नोलॉजीस की हाई एंड कंप्यूटिंग सर्वर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का उद्घाटन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार आईटी हार्डवेयर के देश में उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. समय-समय पर पीएलआई स्कीम के रिव्यू किया जा रहा है. हभी पीएलआई स्कीम के अभी तक के प्रदर्शन से खुश हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि इस साल लगभग 17 कंपनियां आईटी हार्डवेयर का उत्पादन शुरू कर देंगी. ये कंपनियां जैसे ही अपने प्रोडक्शन का ऑडिट करवा लेंगी, इन्हें इंसेंटिव मिलना शुरू हो जाएगा.
इंडिया एआई मिशन पर भी तेजी से हो रहा काम
सरकार ने संशोधित पीएलआई स्कीम के तहत एचपी (HP), डेल (Dell), फ्लेक्सट्रॉनिक्स (Flextronics), लावा इंटरनेशनल (Lava International), लेनेवो (Lenovo) और नेटवेब टेक्नोलॉजीस (Netweb Technologies) को आईटी हार्डवेयर देश में ही बनाने की मंजूरी दी थी. इसमें इंसेंटिव बढ़ा दिए गए हैं. एस कृष्णन ने कहा कि केंद्र सरकार के 10372 करोड़ रुपये के इंडिया एआई मिशन (India AI Mission) के तहत घरेलू कंपनियों को बढ़ावा दिया जाएगा. इस मिशन की शुरुआत देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल और एप्लीकेशन के विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई थी.
सरकारी एजेंसियां खरीदेंगी हाई परफॉरमेंस कम्प्यूटर्स
उन्होंने कहा कि एआई मिशन में मैन्युफैक्चरिंग का ज्यादा रोल नहीं है. इसके तहत कंपनियों को जीपीयू (Graphics Processing Unit) रिसोर्स उपलब्ध कराने होंगे. इसलिए जहां तक संभव हो इस काम के लिए घरेलू कंपनियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. सरकारी एजेंसियां देश में बनने वाले 50 फीसदी हाई परफॉरमेंस कम्प्यूटर्स की खरीद करेंगी.
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