इस स्कीम से सरकार को मिलेगा 3-4 लाख करोड़ रुपये का निवेश, 2 लाख नौकरियों के बनेंगे मौके
Government Scheme: केंद्र सरकार की इस बड़ी स्कीम में नवंबर 2023 तक 1.03 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया और 6.78 लाख से ज्यादा नौकरियों के मौके पैदा हो चुके हैं.
PLI Scheme: प्रोडक्शन-लिंक्ड इनिशिएटिव (पीएलआई) स्कीम के जरिए आने वाले कुछ सालों में भारत में 3 से 4 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश आ सकता है. भारत में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार में 14 सेक्टरों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम चलाई जा रही है. इस निवेश से सेमीकंडक्टर, सोलर मॉड्यूल और फार्मा सेक्टर में करीब 2 लाख नए रोजगार पैदा हो सकते हैं.
रेटिंग एजेंसी ICRA ने दिया बड़ा अनुमान
रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ मध्यम अवधि में प्राइवेट सेक्टर के कैपिटल एक्सपेंडीचर में बढ़ोतरी होगी. पीएलआई जैसी स्कीम का आना इसकी वजह है. वहीं मजबूत मांग और कंपनियों से सप्लाई को बढ़ाने के लिए किए जा रहे कामों के चलते मेटल, स्पेशियिलिटी केमिकल और ऑटोमोटिव सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के एक टॉप ऑफिशियल ने यह अनुमान जताया है. इक्रा के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और चीफ रेटिंग ऑफिसर के रविचंद्रन ने कहा कि ऑयल एंड गैस, मेटल एंड माइनिंग, अस्पताल, हेल्थकेयर सर्विसेज और सीमेंट सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर कैपिटल एक्सपेंडिचर में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
इन क्षेत्रों में 2 लाख नई नौकरियों के मौके बनेंगे
- टेलीकॉम
- बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स
- टेक्सटाइल
- मेडिकल उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
- स्पेशल स्टील
- फूड प्रोडक्ट्स
- हाई कैपिसिटी सौर पीवी मॉड्यूल
- एडवांस्ड कैमिकल सेल बैटरी
- ड्रोन एंड फार्मा
क्या है PLI स्कीम
सरकार ने अब तक 14 सेक्टरों के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की है जिसमें मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और स्पेशल इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, एपीआई और ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स, टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक/आईटी प्रोडक्ट्स, हाई कैपिसिटी सोलर पीवी मॉड्यूल और कई दूसरे सेक्टर शामिल हैं. पीएलआई स्कीम में नवंबर, 2023 तक 1.03 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश और 6.78 लाख से ज्यादा नौकरियों के मौके पैदा हुए हैं.
कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल दे चुके हैं निर्देश
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल भी अपने मिनिस्ट्री के अधिकारियों से कह चुके हैं कि पीएलआई और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट जैसे इनिशिएटिव लाने होंगे, जिससे लोकल लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके. सरकार की ओर से कहा गया कि पीएलआई का लक्ष्य कोर सेक्टर में निवेश और नई टेक्नोलॉजी को आकर्षित करना है. साथ ही घरेलू स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है. पीएलआई स्कीम से भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा सहारा मिला है. एप्पल इसका चमकता हुआ उदाहरण है.
एप्पल की तरफ से वित्त वर्ष 2024 में कुल 14 अरब डॉलर के आईफोन का प्रोडक्शन किया गया है. इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में करीब 2 अरब डॉलर के आईफोन का एक्सपोर्ट किया जा चुका है.
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(इनपुट एजेंसी से भी)
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