PM GatiShakti: पीएम गतिशक्ति के तहत 66 परियोजनाओं की सिफारिश, 5 ट्रिलियन का आएगा खर्च
PM GatiShakti Plan: कामर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने प्रधान मंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय प्लान के तहत बुनियादी ढांचे के अंतराल को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
PM Gatishakti Portal: पिछले आठ महीनों में उद्योग विभाग में एक खास परिवर्तन देखा गया है. पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान के तहत 66 बड़ी टिकट परियोजनाओं की सिफारिश की गई है. इंडस्ट्री डिपॉर्टमेंट की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि इन परियोजनाओं की कुल लागत 5 लाख करोड़ रुपये होगी और इन प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
इन सभी परियोजनाओं के लिए बजट और मंजूरी दोनों दे दी गई है. इनमें मारवाड़ औद्योगिक क्लस्टर 922 करोड़ रुपये, बारबिल-नयागढ़-बरसून 8,840 करोड़ रुपये, नई रेलवे लाइन, गुरदासपुर-जम्मू-श्रीनगर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 6,931 करोड़ रुपये जैसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं. इन प्रोजेक्ट के मंजूरी में पीएम गतिशक्ति ने बड़ी भूमिका निभाई है.
इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा पीएम गतिशक्ति प्लान
कामर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि प्रधान मंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान पोर्टल ने नई प्रोजेक्ट की मंजूरी और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति बुनियादी ढांचे के अंतराल को दूर करने के अपने प्राथमिक लक्ष्य के अलावा स्कूलों, नर्सिंग होम, अस्पतालों जैसे सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना बनाने में मदद करेगा.
पोर्टल पर 12 राज्यों के जमीन का रिकॉर्ड
गोयल ने कहा कि गतिशक्ति का डेटा एपीआई के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं. ऐसे में अगर अगर किसी विशेष परियोजना को शुरू किया जाता है तो यह उसकी चुनौतियों, समय और लागत जैसी चीजों के बारे में पूरी जानकारी देगा. पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर 12 राज्यों ने अब तक जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट किया है.
पोर्टल पर इन चीजों का डेटा
मौजूदा समय में पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर डेटा की लगभग 1,300 परतें हैं, जिनमें वन, वन्यजीव, नदियां, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और अन्य चीजें शामिल हैं.
क्या है पीएम गति शक्ति?
पीएम गति शक्ति एनएमपी पर 500 करोड़ से ज्यादा लागत वाली परियोजनाओं का मूल्यांकन करता है. केंद्र सरकार के कई विभाग और राज्य के विभाग जुड़े हुए हैं. इस पोर्टल पर ही परियोजनाओं को तैयार किया जाता है और फिर उसे फील्ड पर लाया जाने का काम किया जाता है.
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